April 29, 2024

सुशांत मामले पर बोले शरद पवार – मुंबई पुलिस पर पूरा भरोसा

मुंबई।  राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार को कहा कि वह अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की सीबीआई जांच की हालिया मांग के लिए अपने पोते-भतीजे पार्थ पवार के सीबीआई जांच की मांग को भी खारिज कर दिया. इतना ही नहीं युवा नेता को अपरिपक्व भी करार दिया. शरद पवार यह भी कहा कि उन्हें मुंबई पुलिस पर भरोसा है, लेकिन अगर कोई अभी भी केंद्रीय एजेंसियों से मामले की जांच चाहता है तो वह विरोध नहीं करेंगे.

34 साल के राजपूत को 14 जून को उपनगरीय बांद्रा में अपने अपार्टमेंट में फांसी पर लटका हुआ पाया गया था. पंवार ने कहा कि मुझे महाराष्ट्र पुलिस और मुंबई पुलिस पर 100 प्रतिशत विश्वास है. लेकिन अगर कोई अभी भी इसकी सीबीआई जांच चाहता है, तो इसका विरोध करने का कोई कारण नहीं है.

शरद पवार ने कहा कि वह मामले के संबंध में महाराष्ट्र सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों का जवाब नहीं देना चाहते हैं. उन्होंने कहा, “अगर कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है तो हमें दुख होता है, लेकिन जिस तरह से (मीडिया में) चर्चा की जा रही है, उससे मुझे थोड़ा आश्चर्य होता है.”

राकांपा संरक्षक ने आगे कहा कि वह हाल ही में सतारा गए थे जहां एक किसान ने राजपूतों की मौत पर मीडिया में चर्चा पर आश्चर्य व्यक्त किया. “किसान ने कहा कि उसने जिस तरह से (राजपूत की मौत) मीडिया में चर्चा की है, उसे देखकर आश्चर्य हुआ. ” किसान ने कहा कि सतारा में 20 किसानों ने आत्महत्या की, लेकिन मीडिया द्वारा भी इस पर ध्यान नहीं दिया गया.

पवार ने कहा कि मुझे पता है कि आम लोगों की भावनाएं क्या हैं. पार्थ पवार, जो महाराष्ट्र में मावल सीट से पिछले साल के लोकसभा चुनाव में हार गए थे, एनसीपी अध्यक्ष के भतीजे और राज्य के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के बेटे हैं.

27 जुलाई को पार्थ पवार ने राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख से मुलाकात कर मांग की कि राजपूत की मौत का मामला सीबीआई को सौंप दिया जाए या मामले की जांच के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाए.

शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि राजपूत की मौत के मामले में “दबाव की रणनीति” हो रही है और इस मुद्दे का महाराष्ट्र के खिलाफ एक साजिश के तहत राजनीतिकरण किया जा रहा है. एक राजनीतिक कोण से अभिनेता की दुर्भाग्यपूर्ण आत्महत्या को देखना गलत है, राउत ने अपने मुखपत्र ” सामना ” के साप्ताहिक कॉलम ‘सामना’ में कहा.

राजपूत मौत मामले को लेकर बिहार और महाराष्ट्र की सरकारों के बीच रस्साकशी चल रही है. महाराष्ट्र इस बात का विरोध कर रहा है कि मुम्बई में मृत्यु के बाद से बिहार का इस मामले में कोई अधिकार क्षेत्र नहीं था.  

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