May 18, 2024

CG : राम-लखन और श्याम से लेकर लक्ष्मी तक, विष्णु सरकार की कैबिनेट में मंत्री बने ये 9 विधायक

रायपुर। छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार का मंत्रिमंडल गठन हो गया है। आज राजभवन में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने नौ विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। मंत्रिमंडल में पुराने के साथ नए चेहरों को भी मौका दिया गया है। पूर्व आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी ने विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल में मंत्री पद की शपथ ली।

संवैधानिक व्यवस्था के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में सीएम समेत अधिकतम 13 मंत्री हो सकते हैं। वर्तमान में साय कैबिनेट में तीन सदस्य हैं। इसमें मुख्यमंत्री साय और दो डिप्टी सीएम अरुण साव और विजय शर्मा शामिल हैं, जिन्होंने राज्य में बीजेपी का सरकार बनने के बाद 13 दिसंबर को शपथ ली थी। आइए जानते हैं उन नौ विधायकों के बार में जो साय मंत्रिमंडल में मंत्री बने हैं।

बृजमोहन अग्रवाल
रायपुर दक्षिण से विधायक बृजमोहन अग्रवाल आठवीं बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। वह अविभाजित मध्यप्रदेश में पटवा सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं, इसके बाद रमन सरकार के तीनों कार्यकाल में मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली थी। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी महंत रामसुंदर दास को 67,919 वोटों से हराया। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल का जन्म एक मई 1959 को रायपुर में हुआ। कॉमर्स और आर्ट्स दोनों विषय से पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाले बृजमोहन अग्रवाल ने एलएलबी की डिग्री भी हासिल की है।

रामविचार नेताम
लगातार छठवीं बार विधायक निर्वाचित हुए भाजपा के कद्दावर नेता रामविचार नेताम ने मंत्री पद की शपथ ली। बलरामपुर के ग्राम सनावल के रहने वाले राम विचार नेताम राज्यसभा के सदस्य और भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं। भाजपा ने उन्हें रामानुजगंज विधानसभा सीट से मैदान में उतारा था। उन्होंने कांग्रेस के डा. अजय तिर्की को हराया। नेताम साल 1990 से लगातार छठवीं बार विधायक चुने गए हैं।


केदार कश्यप
नारायणपुर विधानसभा सीट से चुने गए विधायक केदार कश्यप ने विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल में शपथ ग्रहण की। छात्र जीवन से ही केदार कश्यप राजनीति में सक्रिय हैं। वह कद्दावर आदिवासी नेता और पूर्व सांसद स्व. बलीराम कश्यप के बेटे हैं। उनका जन्म पांच नवंबर 1974 को हुआ। बस्तर जिले के भानपुरी के गांव फरसागुड़ा के रहने वाले केदार कश्यप भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। केदार कश्यप 2003 में पहली बार विधायक चुने गए। 2008 में दूसरी और 2013 में तीसरी बार विधायक बने।

दयालदास बघेल
नवागढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गुरु रुद्र कुमार को हराकर दयालदास बघेल एक बार फिर विधानसभा में पहुंचे हैं। सरपंच के पद से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले दयालदास बघेल ने विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल में मंत्री पद की शपथ ली। बघेल ग्राम पंचायत कुरा के सरपंच भी रहे हैं। साल 2003 में नवागढ़ विधानसभा सीट से बघेल पहली बार विधायक चुने गए थे। साल 2008 और 2013 में भी वह विधायक बने। रमन सिंह सरकार में बघेल वाणिज्य, उद्योग, सहकारिता संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री भी रह चुके हैं।

लखन लाल देवांगन
कोरबा जिले की कोरबा विधानसभा सीट से लखन लाल देवांगन विधायक निर्वाचित हुए हैं। उन्होंने कांग्रेस के तीन बार के विधायक और दिग्गज मंत्री जयसिंह अग्रवाल को 26,790 वोटों से मात दी थी। लखनलाल देवांगन दो बार भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुके हैं। कटघोरा विधानसभा सीट से विधायक और कोरबा निगम के महापौर भी रह चुके हैं। लखन लाल का जन्म 12 अप्रैल 1962 को कोरबा में हुआ। लखन ने बीए प्रथम वर्ष तक की शिक्षा हासल की।

श्याम बिहारी जायसवाल
सरगुजा संभाग के मनेन्द्रगढ़ विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए विधायक श्याम बिहारी जायसवाल ने शपथ ली। जायसवाल पहले में जिला पंचायत खड़गवां के अध्यक्ष भी रहे हैं। श्याम बिहारी जायसवाल भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। साल 2013 के चुनाव में वह पहली बार विधायक चुने गए थे। 2018 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि हार का अंतर कम था।

पूर्व आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी
रायगढ़ से भाजपा विधायक और पूर्व आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी ने मंत्री पद की शपथ ली। ओपी चौधरी प्रशासनिक कौशल में माहिर हैं। ओपी चौधरी पहली बार ही विधायक निर्वाचित हुए हैं। साल 2018 में आईएएस अधिकारी के पद से इस्तीफा देकर उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली थी।

लक्ष्मी राजवाड़े
विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल के गठन में आठवें नंबर पर विधायक लक्ष्मी राजवाड़े ने मंत्री पद की शपथ ली। लक्ष्मी पहली बार विधायक चुनी गई हैं। विष्णुदेव साय के मंत्रिमंडल में सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री हैं। भटगांव विधानसभा सीट से महिला मोर्चा से अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाली लक्ष्मी राजवाड़े ने कांग्रेस से दो बार के विधायक रहे पारस नाथ राजवाड़े को करीब 44 हजार मतों से हराया था।

टंकराम वर्मा
विधायक टंकराम वर्मा ने भी मंत्री पद की शपथ ली। वर्मा बलौदाबाजार सीट से पहली बार चुनाव जीतकर आए हैं। मंत्री बनने वाले टंकराम वर्मा ने शिक्षक की नौकरी छोड़ राजनीति में एंट्री की थी। टंकराम वर्मा ने एलएलबी की हुई है। वे सबसे पहले तिल्दा से जिला पंचायत सदस्य चुने गए थे, इसके बाद रायपुर जिला पंचायत में उपाध्यक्ष भी रहे। वर्मा पिछले 30 वर्षों से सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय हैं।

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