May 12, 2024

राजधानी में खान पर्यावरण एवं खनिज संरक्षण सप्ताह का आयोजन, एनएमडीसी ने की मेजबानी

रायपुर| भारत की सबसे बड़ी लौह अयस्क उत्पादक नवरत्न कंपनी एनएमडीसी की किरंदुल इकाई ने भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम) के मार्गदर्शन में राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में खान पर्यावरण एवं खनिज संरक्षण सप्ताह- 2021-22 के मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया । इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के खानों के निरीक्षण के लिए फ्लैग ऑफ सेरेमनी भी आयोजित की गई जिसके माध्यम से सात निरीक्षण दलों को प्रदेश से सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के खानों के निरीक्षण के लिए रवाना किया गया।

भारतीय खान ब्यूरो द्वारा रवाना किए गए सातों निरीक्षण दल में खनन से जुड़े तीन-तीन विशेषज्ञ सदस्य सदस्य शामिल है जो 28 फरवरी से 5 मार्च तक प्रदेश के सभी 47 खानों को निरीक्षण कर खान सुरक्षा, पर्यावरण सुरक्षा और सीएसआर के कार्यों के संबंध में विभिन्न खानों के परफार्मेंस रिपोर्ट भारतीय खान ब्यूरो को सौंपेंगे जिसके आधार पर छत्तीसगढ़ में संचालित विभिन्न खानों की रैंकिंग तय कर उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।

एनएमडीसी की किरंदुल इकाई द्वारा राजधानी रायपुर में आयोजित खान पर्यावरण एवं खनिज संरक्षण सप्ताह के मुख्य कार्यक्रम में भारतीय खान ब्यूरो के उप खनिज नियंत्रक और ब्यूरो के छत्तीसगढ़ प्रमुख अरुण कुमार और आर के दास समेत भारतीय खान ब्यूरो के रायपुर इकाई के वरिष्ठ अधिकारी और राज्य में संचालित 47 खदानों के वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल थे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीआईओएम, किरंदुल कांप्लेक्स के मुख्य महाप्रबंधक( उत्पादन) विनय कुमार ने वैश्विक महामारी कोविड के समय खानों के बेहतर संचालन और पर्यावरण संरक्षण के लिए किए गए कार्यों के लिए सभी सहयोगी सदस्यों और इकाईयों का धन्यवाद दिया। श्री कुमार ने कहा कि एनएमडीसी सदैव से पर्यावरण हितैषी खनन का पक्षधर रहा है और खान सुरक्षा के उच्च मानदंडों को  अपनाने के साथ ही अपने सीएसआर दायित्वों को पूरी तन्मयता के साथ निर्वहन करता है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारतीय खान ब्यूरो के अधिकारियों ने खान सुरक्षा, सीएसआर और पर्यावरण को लेकर एनएमडीसी द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और अन्य खानों को भी एनएमडीसी से प्रेरणा लेने की जरूरत बताई। कार्यक्रम में  रितेश मिश्रा, एस.बी.सिंह, अनिल कुमार और व्ही.डी.एस.के.नायर समेत एनएमडीसी और भारतीय खान ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारी समेत छत्तीसगढ़ में संचालित सभी खानों के प्रतिनिधि शामिल थे।

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