May 4, 2024

GOOD NEWS – राष्ट्रीय तितली की रेस में छत्तीसगढ़ की भी तितलियां : पहली बार चयन के लिए हो रही वोटिंग

कवर्धा। देश में पहली बार राष्ट्रीय तितली के चुनाव के लिए ऑनलाइन वोटिंग की प्रक्रिया शुरू की गई है।  राष्ट्रीय तितली के चयन में सात प्रजातियों की तितलियां शामिल है, जिनमें से तीन प्रजातियां की तितलियां छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिला स्थित भोरमदेव अभ्यारण में मौजूद हैं। 

जिस प्रकार से देश में राष्ट्रीय पशु के लिए बाघ, राष्ट्रीय पक्षी के लिए मोर और राष्ट्रीय फल के लिए आम व पुष्प के लिए कमल को जाना जाता है, उसी प्रकार अब जल्द ही इस श्रृंख्ला में राष्ट्रीय तितली का नाम जुड़ने वाले है।  राष्ट्रीय तितली के चुनाव के लिए ऑनलाइन वोटिंग की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।  यह पहला अवसर होगा जब किसी राष्ट्रीय प्रतीक के चुनाव के लिए आम लोगों की अभिव्यक्ति को शामिल किया जा रहा है। 

राष्ट्रीय तितलियों चयन में पूरे देश में छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले का नाम  एक बार फिर सुर्खियों में आया है. इसकी वजह ये है कि राष्ट्रीय तितली के चयन के लिए जिन सात प्रजातियां, कृष्णा पीकॉक, कॉमन जेजबेल, ऑरेंज ओक लीफ, फाइव बार स्वार्ड टेल, कॉमन नवाब, येलो गोर्गन और नॉर्दन जंगल क्वीन को राष्ट्रीय तितली की रेस में चुनने की मुहिम जारी है, उनमें से तीन प्रकार की तितलियां, कॉमन जेजबेल, ऑरेंज ऑक लीफ और कॉमन नवाब छत्तीसगढ़ की कबीरधाम जिले के भोरमदेव अभ्यारण में पर्याप्त संख्या में मौजूद हैं। 

राष्ट्रीय तितली के चयन में आप भी इस मुहिम में शामिल हो सकते है. राष्ट्रीय तितली के चयन में ऑनलाइन वोटिंग 8 अक्टूबर 2020 तक किया जा सकता है. छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में भोरमदेव अभ्यारण स्थित है जहाँ वन्य जीवों और विविध वनस्पतियों के अतिरिक्त रंग-बिरंगी तितलियों की अनगिनत प्रजातियां पाई जाती है, जो एक अद्भुत जैव विविधता का प्रतीक हैं। 

वनमंडल अधिकारी दिलराज प्रभाकर ने बताया कि अभ्यारण्य में 90 से अधिक प्रजाति की तितलियों का प्राकृतिक आवास है. यहां पर्यटन की असीम संभावनाएं है. इस अभ्यारण में पाई जाने वाली तितलियों में ब्लू मॉरमॉन, स्टाफ सार्जंट, कमांडर, गोल्डन एंगल, ऑरेंज ओक लीफ, कॉमन माइम, ओरिएंटल चेस्टनट एंजल, एंगेल्ड पैरोट, कॉमन गल, कॉमन मॉर्मोन, चॉकलेट पेंसी, कैस्टर, कॉमन लेपर्ड, कॉमन वंडर्र, कॉमन जे, डेंगी बुश ब्राउन, ग्रेप पेनसी प्रमुख हैं।  

बरसात में तितलियों का समुह यहाँ बरसाती नालों के किनारे मड पडलिंग (तितलिया अपने शरीर की लवणों की जरूरतें मिटटी से पूरी करती है और उनकी इस क्रिया को मड पडलिंग कहा जाता है) करते हुए दिख जाती हैं. हाल ही में इस स्थान पर मध्य भारत में पाई गई एक नई प्रजाति स्पॉटेड एंगल देखने को मिली है. साथ ही इस चुनाव में सभी को अपना वोट करना चाहिए, अपने मोबाइल से https://forms.gle/u7WgCuuGSYC9AgLG6  लिंक पर राष्ट्रीय तितली के चयन में अपना अभिमत दे सकते है। 

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