केदारनाथ । चारधाम यात्रा का बुधवार (30 अप्रैल) को शुभारंभ हुआ। 6 नवंबर तक चलने वाली यात्रा का आज तीसरा दिन है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के बाद शुक्रवार (3 मई ) को केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए। भक्तों ने मंदिर के अंदर जलती अंखड ज्योति के दर्शन किए। रुद्राभिषेक, शिवाष्टक, शिव तांडव स्तोत्र के मंत्रों का जाप किया। श्रद्धालु अब 6 महीने तक भोलेनाथ के दर्शन कर सकेंगे। इस बार 25 लाख से ज्यादा लोगों के केदारनाथ धाम पहुंचने का अनुमान है। शनिवार (4 मई) को बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे।\
जानिए कब तक खुले रहेंगे कपाट
गंगोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल को सुबह 10.30 बजे खोले गए। 22 अक्टूबर तक गंगोत्री के कपाट खुले रहेंगे। 30 अप्रैल को सुबह 11:55 बजे यमुनोत्री के कपाट खोले गए। 23 अक्टूबर को कपाट बंद होंगे। 2 मई सुबह 7:00 बजे केदारनाथ के कपाट खुल गए हैं। 23 अक्टूबर को बंद होंगे। 4 मई को सुबह 6:00 बजे बद्रीनाथ के कपाट खुलेंगे। 6 नवंबर 2025 को कपाट बंद होंगे।
बाबा केदार का अद्भुत शृंगार
केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद सबसे पहले कर्नाटक के वीरशैव लिंगायत समुदाय के मुख्य रावल भीमशंकर पहुंचे। बाबा पर 6 महीने पहले चढ़ाया गया भीष्म शृंगार हटाया। इसके बाद शिवलिंग को गंगा स्नान कराया। गोमूत्र, दूध, शहद और पंचामृत स्नान के बाद बाबा केदार को नए फूलों, भस्म लेप और चंदन का तिलक लगाकर तैयार किया।
हमारा प्रयास है श्रद्धालुओं के लिए यात्रा सरल हो
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी पत्नी गीता के साथ केदारनाथ धाम पहुंचे। CM धामी ने कहा-आज बहुत अच्छा दिन है। हमारे प्रधानमंत्री बाबा के अनन्य भक्त हैं। उनके नाम से यहां हर बार पहली पूजा होती है। इस बार भी पूजा की गई है कि बाबा उन्हें (प्रधानमंत्री मोदी) देश का नेतृत्व लंबे समय तक करने की शक्ति दें…। CM धामी ने कहा-हमारा प्रयास है कि यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह यात्रा सरल हो।
चारधाम यात्रा के लिए जरूरी दिशा-निर्देश
पर्वतीय मार्गों पर रात के समय व्यवसायिक वाहनों का संचालन प्रतिबंधित है। रात 10 से सुबह 4 बजे तक कोई व्यवसायिक वाहन चारधाम यात्रा मार्ग पर संचालित नहीं होगा। प्रशासन ने यह निर्णय पहाड़ी रास्तों पर सड़क दुर्घटनाएं रोकने और यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से लिया गया है।
व्यवसायिक वाहन चालकों को विशेष प्रशिक्षण का प्रमाण-पत्र, फिटनेस सर्टिफिकेट और वाहन के सभी दस्तावेज साथ रखने होंगे। उन्हें अपनी वेशभूषा, व्यवहार और स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए गए है। इस दौरान उन्हें चप्पल या सैंडल की बजाय बंद जूते या मजबूत ट्रैकिंग शूज पहनना होगा।
व्यवसायिक वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट और प्रदूषण जांच प्रमाण-पत्र होना अनिवार्य है। नशे से दूर रहने और यात्रियों के साथ शिष्ट व्यवहार करने की भी सलाह दी गई है। नियमों के उल्लंघन पर ड्राइवर और मोटर मालिक के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
यात्रियों से भी एडवाइजरी का पालन करने की अपील की गई है। एआरटीओ चक्रपाणि मिश्रा ने बताया, यात्रा से पहले सड़क मरम्मत, स्वास्थ्य सुविधाओं और यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था पर तेजी से काम चल रहा है। यात्रा से पहले पंजीयन और मौसम की जानकारी लेते रहने की भी सलाह दी है।