April 19, 2024

विश्व साइकिल दिवस : परिवहन का सरल, सस्ता और विश्वसनीय साधन

रायपुर।  तीन जून यानि आज विश्व साइकिल दिवस मनाया जा रहा है।  पहली बार विश्व साइकिल दिवस तीन जून, 2018 (रविवार) को संयुक्त राष्ट्र महासभा में मनाया गया।  साइकिल अपनी विशिष्टता, दीर्घायु और बहुमुखी प्रतिभा के कारण पिछली दो शताब्दियों से उपयोग में है।  इसके अलावा यह परिवहन का एक सरल, सस्ता, विश्वसनीय, स्वच्छ और पर्यावरणीय रूप से स्थाई साधन है. यह पर्यावरण की प्रतिष्ठा और स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। छत्तीसगढ़ में स्कूली छात्राओं को सरस्वती साईकिल योजना के तहत प्रतिवर्ष इसका आबंटन किया जाता हैं। इससे उन्हें न सिर्फ शिक्षा ग्रहण करने में बल्कि सेहत के लिए भी लाभदायक बताया जाता हैं। 

संयुक्त राष्ट्र ने हितधारकों का सतत विकास, बच्चों और युवाओं के लिए शारीरिक शिक्षा, स्वास्थ्य, बीमारी पर काबू, सहिष्णुता, आपसी सहमति व सम्मान को बढ़ावा देने और सामाजिक सुविधा के रूप में साइकिल के उपयोग पर जोर देने और प्रोत्साहित करने के लिए यह दिन मनाने का निर्णय लिया। 

इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र सभा ने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को मजबूत करने और समाज में साइकिल चलाने की संस्कृति को विकसित करने के साधन के रूप में राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर साइकिल की सवारी का आयोजन करने की पहल का स्वागत किया। 

मध्यम तीव्रता की नियमित शारीरिक गतिविधि – जैसे चलना, साइकिल चलाना या खेलना- स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी हैं. साइकिल चलाने से ह्रदय रोग के जोखिम कम होते हैं। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, साइकिल चलाना हृदय रोग, स्ट्रोक, कुछ कैंसर और मधुमेह जैसे रोगों के जोखिम को कम करता है. इसे आर्थिक रूप से कमजोर लोग भी आसानी से खरीद सकते हैं. साइकिल परिवहन का एक सरल, सस्ता, विश्वसनीय, स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल स्थाई साधन है.

साइकिल विकास के लिए एक उपकरण और परिवहन के साधन के रूप में ही नहीं बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और खेल तक पहुंचने के लिए भी काम आ सकती है. साइकिल टिकाऊ परिवहन का प्रतीक है और टिकाऊ खपत और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक सकारात्मक संदेश देता है. साथ ही यह जलवायु पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है.

साइकिल दिवस को मनाने के लिए इसहाक फेल्ड ने प्रोफेसर जॉन ई स्वानसन की सहायता से एक खास लोगो तैयार किया है. यह दुनियाभर में विभिन्न प्रकार के साइकिल चालकों का प्रतीक है. इसका मूल संदेश यह दर्शाना है कि साइकिल मानवता से संबंधित है.

संयुक्त राष्ट्र अपने सदस्य राष्ट्रों को राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय विकास में साइकिल को शामिल करने के लिए नीतियों और प्रोग्रामर पर विशेष ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित करता है.

राष्ट्र सदस्य देशों को समाज में साइकलिंग के विकास को बढ़ावा देने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं और साधनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है.

विश्व साइकिलिंग दिवस मनाने के लिए रविवार सुबह 10 हजार से भी अधिक साइकिल चालक नई दिल्ली की सड़कों पर निकले.

वहीं बेंगलुरु में हाल ही में चुने गए मेयर, सत्य शंकरन ने सौ साइकिल चालकों के साथ 10 किमी की सवारी का नेतृत्व किया. वहीं शहर के विभिन्न हिस्सों में कई समारोह हुए.

लॉकडाउन के दौरान इस वर्ष बहुत से मजदूर अपने घरों को साइकिल से लौटे. इनमें से एक हैं, 20 वर्षीय महेश जेना, जो एक प्रवासी मजदूर हैं. उन्होंने महाराष्ट्र से ओडिशा तक 1,700 किमी की दूरी केवल सात दिनों में साइकिल से पूरी की और अपने घर पहुंचे.

15 वर्षीय ज्योती कुमारी ने आठ दिन में 1,200 किलोमीटर सफर तय किया और गुरुग्राम से बिहार अपने घर साइकिल से पहुंची.

इतना ही नहीं ज्योती ने अपने बीमार पिता के साथ आठ दिनों तक एक यात्रा की, जिसने अंतरराष्ट्रीय प्रशंसा बटोरी. उन्हें साइकिलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा एक परीक्षण की पेशकश की गई है.

ज्योति की साहसी कहानी संयुक्त राज्य अमेरिका के ह्वाइट हाउस तक भी पहुंच गई है क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने भारत की लड़की की सराहना करते हुए ट्वीट किया था। 

इसके अलावा 26 वर्षीय प्रवासी मजदूर सगीर अंसारी ने ट्राइसाइकिल पर दिल्ली से ईस्ट चंपारन तक का एक हजार किमी का सफर तय किया. हालांकि, एक कार ने उन्हें लखनऊ में टक्कर मार दी और उनकी मौत हो गई। 

20 वर्षीय मफिपुल, एक प्रवासी कार्यकर्ता चेरप्पू से साइकिल किराए पर लेकर कोलकाता पहुंचे। 

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