May 14, 2024

मोदी लोकार्पण करेंगे तो मैं ताली बजाऊंगा क्या… रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में जाने से शंकराचार्य ने क्यों मना कर दिया

जगन्नाथपुरी मठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने बुधवार को रतलाम में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि वह 22 जनवरी 2024 को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में शामिल होने के लिए अयोध्या नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘मोदी जी लोकार्पण करेंगे, मूर्ति का स्पर्श करेंगे तो मैं वहां तालियां बजाकर जय-जयकार करूंगा क्या? मेरे पद की भी मर्यादा है। राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा शास्त्रों के अनुसार होनी चाहिए, ऐसे आयोजन में मैं क्यों जाऊं’।

रतलाम । उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों से चल रही हैं। इस बीच पुरी के शंकराचार्य ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर ऐसी बात भी बोल दी है कि हंगामा मच गया है। जगन्नाथपुरी मठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि उनके पद की मर्यादा है। मोदी जी लोकार्पण करेंगे और मूर्ति को स्पर्श करेंगे तो मैं वहां ताली बजाकर जय-जयकार करूंगा क्या? उन्होंने कहा कि मुझे अपने पद की गरिमा का ध्यान है, इसलिए मैं वहां नहीं जाऊंगा।

बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से पुरी शंकराचार्य को निमंत्रण दिया गया है। उन्होंने बताया कि मुझे सूचना है कि शंकराचार्य एक व्यक्ति के साथ आना चाहें तो आ सकते हैं लेकिन अगर सौ व्यक्तियों के साथ आने को लिखा होता तो भी मैं नहीं जाता। मैं सैद्धांतिक व्यक्ति हूं। उन्होंने आगे कहा, ‘मोदी जी लोकार्पण करेंगे, मूर्ति का स्पर्श करेंगे तो मैं वहां ताजी बजाकर जय-जय करूंगा क्या?’ शंकराचार्य ने कहा कि मुझे पद तो सबसे बड़ा प्राप्त ही है लेकिन आप थोड़ा विचार कीजिए धर्म क्या नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘मोदी जी योगी भी हो गए। योगासन सिखाते हैं। धार्मिक क्षेत्र में हस्तक्षेप कर ही रहे हैं। वहां जाकर क्या शंकराचार्य ताली बजाएंगे। मोदी जी प्रणाम कर देंगे। संतों की ओर देखेंगे भी नहीं।’ निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि मुझे अपने पद की गरिमा का अभिमान नहीं है। मुझे अपने पद की गरिमा का ध्यान है, इसलिए मैं अयोध्या नहीं जाऊँगा। हालांकि, उन्होंने अयोध्या के साथ अपना रिश्ता अटूट बताया और कहा कि मुझे अयोध्या से परहेज नहीं है। रामजी मेरे हृदय में हैं। अयोध्या से मेरा संबंध टूटेगा नहीं। इस अवसर पर जाना मेरे लिए उचित भी नहीं है।

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