May 4, 2024

प्रदेश सरकार का गरीब-मजदूर विरोधी चरित्र उजागर हो गया : डॉ रमन सिंह

रायपुर। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध सुविधाओं और मदद के प्रति बेरुखी दिखाने और फिर केंद्र सरकार के खिलाफ बे-सिरपैर की बातें करने पर प्रदेश सरकार और कांग्रेस नेताओं को आड़े हाथों लिया है. डॉ. सिंह ने कहा कि अन्य प्रदेशों में लॉकडाउन के कारण फंसे छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों की वापसी को लेकर झूठा श्रेय लूटने के प्रदेश सरकार के राजनीतिक हथकंडे का पर्दाफाश होने के बाद अब श्रमिकों को लेकर आने वाली ट्रेन को सहमति नहीं देने के कारण उसे गुजरात में रोक दिए जाने से प्रदेश सरकार का गरीब-मजदूर विरोधी चरित्र भी उजागर हो गया है. 

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ के 1156 मजदूरों को लेकर गुजरात के नडियाद से निकलने वाली ट्रेन चलाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सहमति नहीं दिए जाने से उक्त ट्रेन नडियाद में ही ऐन वक्त पर रोक दी गई. इसका असर अगले दिन 1200 मजदूर लेकर छत्तीसगढ़ आने वाली ट्रेन के परिचालन पर भी पड़ा है और वह ट्रेन भी रोक ली गई है. रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने ट्रेन रवाना करने से पहले अपने स्तर पर पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन श्रमिकों के नाम पर गंदी राजनीति के शोशेबाज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने ही उक्त ट्रेन को चलाने पर अपनी सहमति नहीं दी है. डॉ. सिंह ने प्रदेश सरकार के इस रवैए को गरीब-मजदूर विरोधी चरित्र का परिचायक बताते हुए कटाक्ष किया कि शायद सरकार इस मुद्दे पर अभी और गंदी राजनीति की गुंजाइश तलाश रही होगी.डॉ. रमन सिंह ने कहा कि श्रमिकों की वापसी को लेकर प्रदेश सरकार और प्रदेश कांग्रेस अपनी किरकिरी करा चुकने के बाद भी अपने हथकंडों से बाज नहीं आ रही है. अब जबकि केंद्र सरकार 85 फीसदी खर्च वहन कर फंसे श्रमिकों की वापसी की घोषणा कर चुकी है, तब राज्य सरकार अपने हिस्से का 15 फीसदी खर्च वहन करने के नाम नित-नई सियासी नौटंकियां कर रही है. अब प्रदेश कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं से पार्टी फंड में सहयोग राशि जमा कराने के साथ-साथ श्रमिकों की वापसी के नाम पर प्रदेश के किसानों से धान के समर्थन मूल्य की अंतर राशि का मुख्यमंत्री सहायता कोष में अंशदान कराने जा रही है.

एक ही काम के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं और किसानों से राशि मांगने वाली सरकार की बदनीयती का यह स्पष्ट प्रमाण है. डॉ. सिंह ने प्रदेश सरकार से यह साफ करने की मांग की है कि श्रमिकों की वापसी का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी या फिर कांग्रेस? यदि कांग्रेस अपने फंड से यह खर्च वहन कर रही है तो फिर श्रमिकों की वापसी के लिए किसानों से उस राशि का अंशदान मांगना एकदम अनुचित है जिसका भुगतान प्रदेश सरकार ने मई माह का एक हफ्ता बीत जाने के बाद भी अपने वादे के मुताबिक अब तक किसानों को नहीं किया है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के इस भयावह दौर में भी प्रदेश सरकार जिस राजनीतिक ओछेपन पर उतरी हुई है, उसकी कोई मिसाल ढूंढ़े नहीं मिलेगी. रोज केंद्र सरकार को कोसने में लगे मुख्यमंत्री बघेल और तमाम कांग्रेस नेता इस बात का जवाब दें कि जब केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण योजना के तहत तीन माह के राशन का आवंटन किया है तो फिर प्रदेश सरकार ने सिर्फ एक माह के राशन का कोटा क्यों उठाया है?केंद्र सरकार से मिल रही सहायता के प्रति लापरवाही करने वाली सरकार हर दूसरे दिन केंद्र सरकार से पैसों की मांग ही करना जानती है जबकि हर तरह की मदद मिलने के बावजूद लॉकडाउन से प्रभावित परिवारों की सहायता करने में प्रदेश सरकार फिसड्डी रही है. डॉ. सिंह ने मौजूदा मुख्यमंत्री पर सिर्फ जुबानी जमाखर्च करने का आरोप लगाते हुए कहा कि डींगें हाँककर और शेखी बघारकर झूठी वाहवाही के तलबगार मुख्यमंत्री ईमानदारी के साथ प्रदेश को संकट-मुक्त करने और जरूरतमंद लोगों तक केंद्र द्वारा मुहैया मदद पहुँचाने की नसीहत दी है. 

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