May 9, 2024

CG Election: कबीरधाम जिले की दो सीटों पर त्रिकोणीय संघर्ष; जानें कवर्धा-पंडरिया में कौन मारेगा बाजी

रायपुर। CG Election 2023: कबीरधाम जिले के पंडरिया और कवर्धा विधानसभा में कल यानी 7 नवंबर को वोटिंग है। फिलहाल, इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिल रहा है। कवर्धा में आम आदमी पार्टी की एंट्री से भाजपा और कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। वहीं पंडरिया में जोगी कांग्रेस दोनों पार्टी यानी भाजपा और कांग्रेस के साथ चुनावी मैदान में डटी है। यहां बसपा भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी है।

कवर्धा विधानसभा का सियासी समीकरण
यहां से वर्तमान विधायक मोहम्मद अकबर और भाजपा से विजय शर्मा तो आप से सहसपुर लोहारा राजपरिवार के सदस्य राजा खड़गराज सिंह चुनाव मैदान में है। कवर्धा में कांग्रेस की ओर से बीते 5 साल के कामकाज, किसान, कृषि व छत्तीसगढ़िया पर वोट मांग रही है। वहीं भाजपा हिंदुत्व के मुद्दे पर वोट मांग रही है। कवर्धा शहर में वर्ष 2021 में हुए दंगा के बाद यहां भाजपा ने हिंदुत्व का मुद्दा को जोर शोर से उठाया। भगवा झंडा विवाद के कारण अक्टूबर 2021 में करीब 18 दिन कवर्धा शहर में धारा 144 लागू किया गया था। इस दंगे में सबसे बड़ा नाम विजय शर्मा का निकलकर सामने आया। भाजपा ने विजय शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है। भाजपा पूरी तरह से हिंदुत्व के मुद्दे पर ही फोकस कर रही है। यहीं कारण है कि कवर्धा में असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की भी सभा हो चुकी है। आप कांग्रेस और बीजेपी के कार्यकाल में हुए कमियों को गिना रही है। पार्टी के प्रत्यार्शी राजा खड़गराज सिंह आदिवासी समाज से आते हैं। ऐसे में उनकी पकड़ आदिवासी क्षेत्र में है। इसके चलते भाजपा और कांग्रेस के आदिवासी वोट बैंक पर प्रभाव पड़ सकता है। कवर्धा विधानसभा क्षेत्र में ज्यादातर लोग कृषि कार्य करते हैं। क्षेत्र में धान और गन्ना की फसल ली जाती है। यही कारण है जिले में दो शक्कर कारखाना स्थापित है। एक कवर्धा के राम्हेपुर गांव में और दुसरा पंडरिया के बिसेसरा में। किसान इसके अलावा भी सब्जी के साथ ही दूसरी सीजनल फसल भी लगाते हैं। यहां से सब्जी, गुड़, फल और दूसरी फसलें देश के कोने कोने तक जाती हैं। यहां के किसानों से ही जिले में व्यापार चलता है विधानसभा में कुल 2.98 लाख वोटर हैं।

कवर्धा विधानसभा फैक्ट फाइल
मतदान केन्द्र – 410
कुल मतदाता की संख्या – 331407
पुरुष मतदाता – 164687
महिला मतदात 166717
थर्ड जेंडर – 03
दिव्यांग मतदाता – 2441
नए मतदाता (18 से 19 वर्ष) – 15802
सीनियर सिटीजन (80 प्लस) – 2353

वर्ष 2018 कवर्धा विधानसभा के परिणाम –
प्रत्याशी का नाम पार्टी वोट मिले
मोहम्मद अकबर कांग्रेस 136320
अशोक साहू भाजपा 77036
रामखिलावन डहरिया निर्दलीय 6604
अगमदास अनंत जोगी कांग्रेस 6250

जातिगत समीकरण
जातिगत समीकरण की बात करें तो आदिवासी समाज (अनुसूचित जनजाति) के 50 हजार, साहू समाज (पिछड़ा वर्ग) के 42 हजार, कुर्मी समाज (पिछड़ा वर्ग) के 38 हजार, अनुसूचित जाति वर्ग के 32 हजार और पटेल समाज (पिछड़ा वर्ग) के 17 हजार मतदाता हैं। यही चुनाव में निर्णायक भूमिका में होते हैं। राजनीति दल भी इन्हीं समाज को साधने में लगी रहती है। कवर्धा विधानसभा में साहू समाज की संख्या अधिक है, जो कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों में बंटे हुए हैं। यही कारण है भाजपा यहां जातिगत समीकरण के अनुसार साहू समाज को ही विधायक का टिकट देते आई है। 2003 में सियाराम साहू और 2008 मे अशोक साहू को टिकट दिया गया। 2014 में फिर रिपीट कर अशोक साहू को टिकट दिया गया, लेकिन वे हार गए। 2008 से कांग्रेस के मोहम्मद अकबर यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि 2013 में मोहम्मद ने भाजपा के अशोक साहू से लगभग 10 हजार वोट से हार थे।

कवर्धा के मु्द्दे और समस्याएं
पिछले कुछ साल से कवर्धा में सांप्रदायिकता, धर्मांतरण, तुष्टिकरण पर जमकर राजनीति हो रही है। क्षेत्र में अन्य दूसरी समस्याएं भी हैं। जिला मुख्यालय की सड़क चौड़ी न होने से जाम की समस्या बनी हुई है। अंतरराज्यीय बस स्टैंड का काम अधूरा है तो वहीं रोजगार के साधन नहीं हैं। सुतियापाट जलाशय निस्तारिकरण, रेल लाइन, लोहारा ब्लॉक में शक्कर कारखाना खोलने से साथ ही उद्योग की मांग क्षेत्र के लोगों की ओर से लगातार की जा रही है, ताकि स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल सके।

पंडरिया विधानसभा का सियासी समीकरण
इस सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष दिखाई दे रहा है। कुर्मी बहुल्य क्षेत्र पंडरिया में इस बार भाजपा व कांग्रेस ने प्रत्याशी बदला है। कांग्रेस की ओर से कुर्मी समाज के नीलकंठ (नीलू)चन्द्रवंशी, भाजपा से भावना बोहरा व जोगी कांग्रेस से रवि चन्द्रवंशी मैदान में है। यहां भाजपा द्वारा कवर्धा की तरह हिंदुत्व की मुद्दे को फोकस नहीं किया गया है। भाजपा द्वारा सरकार के 5 वर्ष व यहां के पूर्व कांग्रेस विधायक ममता चन्द्राकर के निष्क्रियता को भूनाने में लगी हुई है। कांग्रेस प्रत्याशी नीलकंठ(नीलू) चन्द्रवंशी द्वारा बीते 5 साल के कामकाज, किसान, कृषि व छत्तीसगढ़िया पर वोट मांग रहे है। वहीं जोगी कांग्रेस से रवि चन्द्रवंशी भी एक्टिव है, ये कुर्मी समाज से आते है। ये बीते 5 साल से चुनाव को लेकर तैयारी कर रहे थे। वहीं बसपा भी एसटी-एसी वोटरों को लुभा रही है। बता दे कि वर्ष 2018 के चुनाव में जोगी कांग्रेस व बसपा के बीच गठबंधन हुआ था। तब यहां से बसपा चुनाव लड़ी थी। तब के चुनाव में बसपा के प्रत्याशी चैतराम राज 33 हजार 547 वोट के साथ तीसरे स्थान पर थे। वर्तमान के चुनाव में चैतराम राज फिर से चुनाव लड़ रहे है।

पंडरिया विधानसभा के वोटर्स की संख्या –

मतदान केन्द्र – 393

कुल मतदाता की संख्या – 316142

पुरुष मतदाता – 157649

महिला मतदाता – 158493

दिव्यांग मतदाता – 3102

नए मतदाता (18 से 19 वर्ष) – 14588

सीनियर सिटीजन (80 प्लस) – 3223

वर्ष 2018 पंडरिया विधानसभा के परिणाम –

प्रत्याशी का नाम पार्टी वोट मिले
ममता चन्द्राकर कांग्रेस 100907
मोतीराम चन्द्रवंशी भाजपा 64420
चैतराम राज बीएसपी 33547
नोटा नोटा 5234

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