May 5, 2024

सरकार पलटते ही सीएम कारकेड की गाड़ियों से हटा पूर्व CM बघेल का खास नंबर, जानिए क्या है अंको का ये खेल?

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकार पलटते ही बदलाव का दौर शुरु हो गया है. सरकार बदलते ही मुख्यमंत्री की गाड़ियों का नंबर भी बदल गया है. ये वही गाड़ियां हैं जिन्हें पूर्व की कांग्रेस सरकार ने खरीदा था. जिसमें पूर्व सीएम भूपेश बघेल बैठते थे. उन्होंने अपने काफिले की गाड़ियों के लिए खास नंबर चुना था. कारण था नंबर का लकी होना.

दरअसल, 23 अंक को पूर्व सीएम बघेल अपना लकी नंबर मानते थे. इसलिए उन्होंने काफिले की गाड़ी का नंबर यही रखवाया था. अगस्त 2023 में ही खरीदी गई चमचमाती हुई टोयोटा फॉर्च्यूनर (toyota fortuner) कार का नंबर पूर्व सीएम ने CG 02 BB-0023 चुना था. लेकिन अब इसमें बदलाव कर दिया गया है. गाड़ियां तो वही हैं, लेकिन नंबर बदल दिया गया है.

वर्तमान में सीएम के काफिले की गाड़ियों में जो नंबर है वो पुलिस कैटेगरी का है. सीएम साय की गाड़ी का नंबर CG 03 9502 है. जिसमें 03 का मतलब पुलिस कैटेगरी गाड़ी से है. वहीं इससे पहले गाड़ी का नंबर CG 02 था. जिसे अब बदल दिया गया है. इतना ही नहीं पूर्व सीएम रमन सिंह और पूर्व सीएम भूपेश बघेल के काफिले की सभी गाड़ियों के नंबर एक ही थे. जबकि अभी काफिले में शामिल गाड़ियों के नंबर अलग-अलग हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश के काफिले में ‘CG 02 BB 0023′ में कई सारे रहस्य थे. जिसमें CG मतलब छत्तीसगढ़, 02 का अर्थ सरकारी गाड़ी, BB का मतलब BHUPESH BAGHEL, वहीं ’23’ का मतलब, सीएम के बर्थ डेट निकाला जा रहा था. भूपेश बघेल का जन्मदिन 23 अगस्त 1961 है. जिसमें से बर्थडे की तारीख गाड़ी के नंबर के लिए ली गई थी.

बता दें कि रमन सरकार में खरीदी गई मित्सुबिसी पजेरो (mitsubisi pajero) को सुरक्षा कारणों से काफिले से हटा दिया गया था. पुरानी गाड़ियां करीब पांच साल चल चुकी थी. सुरक्षा के लिहाज से भी इन गाड़ियों को बदलना जरूरी हो गया था. नई गाड़ियों की खरीदी के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई थी. कमेटी ने कई अलग-अलग कंपनियों के कोटेशन मंगाए गए थे. कमेटी की ओर से टोयोटा फॉर्च्यूनर पसंद की गई. कमेटी के अप्रूवल के बाद काफिले के लिए 14 नई गाड़ियां खरीदी गई.

इन गाड़ियों में से चार बुलेटप्रूफ बनाई गई है. नई गाड़ियां एडवांस तकनीक से लैस हैं. विशेषकर सीएम की सुरक्षा को ध्यान में रखकर इन गाड़ियों को पंजाब में विशेष रूप से कस्टमाइज कराया गया है. बताते हैं कि स्पीड मॉनिटरिंग से लेकर लाइव लोकेशन को भी ट्रैक किया जा सकता है. रमन सरकार के दौरान जब मित्सुबिसी पजेरो खरीदी गई थी, तब गाड़ियों का नंबर 0004 रखा गया था.

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