April 29, 2024

श्रीलंका में राजपक्षे की शानदार जीत, पीएम मोदी ने फोन पर दी बधाई

कोलंबो।  महिंदा राजपक्षे की पार्टी श्रीलंका पीपल्स पार्टी (एसएलपीपी) ने आम चुनाव में शुक्रवार को शानदार जीत दर्ज की।  इस जीत को महिंदा राजपक्षे की राजनीति में वापसी के तौर पर भी देखा जा रहा है।  इससे पहले यह चुनाव दो बार स्थगित हुए थे। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजपक्षे को बधाई दी है. पीएम ने बधाई देते हुए कहा कि धन्यवाद, प्रधानमंत्री राजपक्षे जी ! आपसे बात करके खुशी हुई. एक बार फिर, बहुत-बहुत बधाई. हम द्विपक्षीय सहयोग के सभी क्षेत्रों को आगे बढ़ाने और अपने विशेष संबंधों को हमेशा नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए मिलकर काम करेंगे.

आपको बता दें कि राजपक्षे ने भी प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद करते हुए ट्वीट किया है.

चुनाव आयोग द्वारा जारी अंतिम परिणामों के अनुसार 225 सदस्यीय संसद में एसएलपीपी ने अकेले 145 सीटें जीती और सहयोगियों दलों के साथ कुल 150 सीटों पर जीत दर्ज की है. इस तरह पार्टी को दो-तिहाई बहुमत मिल गया है.

उसने बताया कि पार्टी को 68 लाख यानी 59.9 प्रतिशत वोट हासिल हुए हैं.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को अपने श्रीलंकाई समकक्ष महिंदा राजपक्षे को उनकी पार्टी के संसदीय चुनाव में शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने तथा विशेष संबंधों कोई नई ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए काम करेंगे.

राजपक्षे ने इसकी जानकारी देते हुए ट्वीट किया, ‘फोन पर बधाई देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आपका शुक्रिया. श्रीलंका के लोगों के समर्थन के साथ, दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सहयोग को और आगे बढ़ाने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने को उत्साहित हूं. श्रीलंका और भारत अच्छे मित्र एवं सहयोगी हैं.’

राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने नवम्बर में एसएलपीपी की टिकट पर ही चुनाव में जीत दर्ज की थी और निर्धारित सयम ये छह महीने पहले ही चुनाव कराने की घोषणा कर दी थी.

नतीजों के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी केवल एक सीट ही अपने नाम कर पाई. उसे केवल 2,49,435 यानी दो प्रतिशत वोट ही मिले. राष्ट्रीय स्तर पर वह पांचवे नंबर पर रहे. 1977 के बाद ऐसा पहली बार है कि विक्रमसिंघे को संसदीय चुनाव में हार का सामना करना पड़ा.

आंकड़ों के अनुसार एसजेबी 55 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही, तमिल पार्टी टीएनए को 10 सीटें और मार्क्सवादी जेवीपी को तीन सीट हासिल हुई.

यहां 1.6 करोड़ से अधिक लोगों को 225 सांसदों में से 196 के निर्वाचन के लिए मतदान करने का अधिकार था. वहीं 29 अन्य सांसदों का चयन प्रत्येक पार्टी द्वारा हासिल किए गए मतों के अनुसार बनने वाली राष्ट्रीय सूची से होगा.

पहले यह चुनाव 25 अप्रैल को होने वाले थे, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर इसकी तारीख बढ़ाकर 20 जून की गई. इसके बाद स्वास्थ्य अधिकारियों के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए चुनाव की तारीख आगे बढ़ाकर पांच अगस्त कर दी गई.

करीब 20 राजनीतिक दलों और 34 स्वतंत्र समूहों के 7,200 से ज्यादा उम्मीदवार 22 चुनावी जिलों से मैदान में थे.

error: Content is protected !!