April 29, 2024

RSS के पूर्व प्रचारकों ने बनाई राजनीतिक पार्टी, बीजेपी और अन्य दलों को हिंदुत्व पर दे सकती है चुनौती

प्रतीकात्मक फोटो

भोपाल। देश की राजनीति में आने वाले समय में कई बड़े बदलाव देखे जा सकते हैं। दरअसल, मध्य प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कुछ पूर्व प्रचारकों ने एक बड़ा कदम उठाया है। इन्होंने अपनी एक राजनीतिक पार्टी बनाई है, जिसका नाम ‘जनहित पार्टी’ रखा है। ऐसे में ये पार्टी बीजेपी के साथ अन्य पार्टियों को हिंदुत्व के मुद्दे पर चुनौती दे सकती है।

भोपाल में पार्टी का गठन किया गया

इस नई पार्टी में RSS के कई पूर्व प्रचारक शामिल हैं, जिन्होंने 10 सितंबर को भोपाल में पार्टी का गठन किया। संघ के पूर्व प्रचारक अभय जैन ने इस पार्टी के गठन की शुरुआत की। इस पार्टी के गठन का मकसद देश की जनता को हिंदुत्व आधारित सौ फीसदी खरी राजनीतिक पार्टी का विकल्प देना बताया जा रहा है। 60 वर्षीय अभय जैन ने भोपाल में इस उद्देश्य से की गई बैठक में भाग लेने के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी।

“लोकतंत्र की कसौटी पर विफल रहे दल”

जैन ने कहा कि हम आने वाले विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी भी खड़ा करेंगे। जैन ने कहा, “हमने (संघ के कुछ पूर्व प्रचारकों ने) जनहित पार्टी का गठन किया है, क्योंकि अभी सारे राजनीतक दलों की राजनीतिक संस्कृति लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है और लोकतंत्र की कसौटी पर विफल रहे हैं।”

अभय जैन के अलावा ये हैं शामिल

इस पार्टी के गठन में अभय जैन के अलावा मनीष काले, विशाल बिंदल मुख्य रूप से शामिल हैं। अभय जैन मध्य प्रदेश में प्रांत बौद्धिक प्रमुख रह चुके हैं। वे इंदौर नगर प्रचारक के साथ सिक्किम विभाग प्रचारक और प्रांत सेवा प्रमुख जैसे बड़े दायित्व पर रह चुके हैं। मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में अभय जैन लंबे समय से सक्रिय रहे हैं। वे देशभर के लोगों को इस नई विचारधारा से जोड़ने का काम कर रहे हैं।

वहीं, मनीष काले आरएसएस के रीवा विभाग प्रचारक रह चुके हैं। ग्वालियर-चंबल के पूरे क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय हैं। वहां के लोगों को नई राजनीतिक पार्टी से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। विशाल बिंदल भोपाल सायं बाग प्रचारक रह चुके हैं। वे इन दिनों झारखंड में सक्रिय हैं। वहां पर सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों का नेतृत्व कर रहे हैं। इनके अलावा डॉक्टर सुभाष बारोट भी शामिल हैं, जो पिछले 40 वर्षों से सामाजिक कार्यों में संलग्न हैं।

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