April 26, 2024

क्रिकेट और फुटबॉल ने दी कोरोना वायरस को सीधी टक्कर!

नई दिल्ली।  45 लाख से ज्यादा लोग बीमार, 3 लाख से ज्यादा मौतें, अर्थव्यवस्था ठप, खेल ठप, पूरी दुनिया थम गई. कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पिछले तीन महीनों में कुछ इस तरह तांडव मचाया है. बड़े-बड़े भूकंप आए, सुनामी आई, तरह-तरह की विपदाएं आई लेकिन खेल की दुनिया कभी नहीं रुकी. मगर कोरोना वायरस ने लगभग तीन महीनों तक सभी खिलाड़ियों को घर में बंद कर दिया और मैदान में श्मशान सी शांति छा गई. हालांकि अब आर-पार की जंग की तैयारी शुरू हो गई है. अब क्रिकेट और फुटबॉल जैसे बड़े खेल कोरोना वायरस से भिड़ने को तैयार हैं. फुटबॉल ने मैदान पर वापसी कर ली है और क्रिकेटर्स भी 70 गज के घेरे में उतरने ही वाले हैं. जल्द ही फैंस अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को खेलते देखेंगे. आइए आपको बताते हैं कैसे कोरोना को टक्कर देने उतर रहे हैं क्रिकेट और फुटबॉल। 

कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से क्रिकेट के सभी बड़े टूर्नामेंट जैसे आईपीएल, द हंडरेड स्थगित कर दिये गए. यही नहीं कई बाइलेट्रल सीरीज भी इसकी भेंट चढ़ी. हालांकि अब अगस्त से क्रिकेट की वापसी तय मानी जा रही है.  कोरोना वायरस के बाद पहली इंटरनेशनल सीरीज इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच हो  सकती है. दोनों ही टीमों के क्रिकेट बोर्ड के बीच सीरीज का पूरा खाका तैयार हो चुका है. खबरों के मुताबिक पाकिस्तान की टीम चार्टर्ड प्लेन से इंग्लैंड जाएगी और वहां 5 अगस्त से टेस्ट सीरीज खेलेगी. पाकिस्तान के 25 खिलाड़ियों का दल इंग्लैंड जाएगा, जहां वो पहले 14 दिनों तक क्वारंटीन रहेंगे. पाकिस्तान के खिलाड़ी इस दौरान आपस में ही प्रैक्टिस मैच खेलेंगे. 


पाकिस्तान सीरीज के लिए इंग्लैंड (England Vs Pakistan) के खिलाड़ियों की प्रैक्टिस 18 मई से शुरू होगी, जिसके लिए ब्रिटिश सरकार ने स्पेशल गाइडलाइन जारी की है. इंग्लैंड के खिलाड़ी पहले की तरह एक साथ ट्रेनिंग नहीं करेंगे. वो अलग-अलग काउंटी ग्राउंड्स में तैयारी करेंगे, जिसमें कुछ ही खिलाड़ी शामिल होंगे. सबसे पहले गेंदबाज ट्रेनिंग करने के लिए आएंगे और उसके कुछ समय बाद बल्लेबाज ट्रेनिंग करने उतरेंगे.


इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने ट्रेनिंग के लिए 30 खिलाड़ियों को चुना है. खिलाड़ियों का नाम सामने नहीं आया है लेकिन कहा जा रहा है कि तेज गेंदबाज ऑली स्टोन, साकिब महमूद और क्रेग ओवर्टन जैसे खिलाड़ी भी इनमें शामिल होंगे. ईसीबी ने फैसला किया है कि 14 दिनों की ट्रेनिंग के लिए 7 मैदान चुने गए हैं और खिलाड़ी अपनी-अपनी काउंटी टीमों के मैदान पर ट्रेनिंग करेंगे. जैसे डरहम के कोच पॉल कॉलिंगवुड अपनी टीम के बेन स्टोक्स और मार्क वुड की ट्रेनिंग कराएंगे. इसी तरह जॉन लुइस होव, समरसेट के मार्कस ट्रेसकॉथिक टॉन्टन के मैदान पर ट्रेनिंग कराएंगे. जब तक बल्लेबाजों की ट्रेनिंग की बारी आएगी, जो कि जून में शुरू होगी तब तक प्रैक्टिस के लिए 11 मैदान इस्तेमाल किये जाएंगे. जिन खिलाड़ियों या उनके परिजनों की तबीयत खराब होगी उन्हें ट्रेनिंग पर नहीं उतरने दिया जाएगा.


ट्रेनिंग के बाद इंग्लैंड की टीम पाकिस्तान (England Vs Pakistan) के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेलेगी, जिसके लिए इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने खास रणनीति बनाई है. खबरों के मुताबिक पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच पूरी सीरीज उन्ही मैदानों पर होगी जहां पर होटल की भी सुविधा है. कहा जा रहा है कि साउथैंप्टन के एजेस बोल, मैनचेस्टर का ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान, इन्ही दोनों मैदान पर पूरी सीरीज खेली जाएगी.  जायज सी बात है लोग इसे टीवी पर ही देख पाएंगे क्योंकि मैदान में किसी को जाने की अनुमति नहीं होगी. वैसे खबरे हैं कि इंग्लैंड के अलावा बीसीसीआई ने भी टीम इंडिया के खिलाड़ियों की रणनीति बना ली है, हालांकि इसके बार में अभी ज्यादा बातें सामने नहीं आई हैं.


क्रिकेट के अलावा फुटबॉल ने भी कोरोना वायरस (Coronavirus) से जंग करनी शुरू कर दी है. साउथ कोरिया की ‘के लीग’ का आगाज हो चुका है और अब जर्मन फुटबॉल लीग बुंदसलीगा (Bundesliga) की भी शुरुआत हो चुकी है. यूरोपियन फुटबॉल की पांच सबसे बड़ी लीग्स में बुंदेसलीगा पहली लीग है जो कोरोना वायरस के बाद सबसे पहले शुरू हुई है. बुंदेसलीगा के लिए खिलाड़ियों ने अप्रैल से ही ट्रेनिंग शुरू कर दी थी. उन्होंने सोशल डिस्टेसिंग को फॉलो किया और मास्क लगाकर ट्रेनिंग की.

जर्मन क्लबों को 11 प्वाइंट की गाइडलाइंस सौंपी गई है और मैचों के दौरान उन्हें इसे फॉलो करना अनिवार्य है. बुंदेसलीगा (Bundesliga) की ट्रेनिंग के लिए टीमों ने अपने खिलाड़ियों को छोटे-छोटे ग्रुपों में बांटा था. बुंदेसलीगा के आयोजकों ने स्टेडियम में कुल 322 लोगों को रहने की अनुमति दी है, जिसमें खिलाड़ी, स्टाफ सदस्य और रेफरी शामिल हैं. बुंदेसलीगा के मैच भी खाली स्टेडियम में हो रहे हैं, जर्मन फुटबॉल इतिहास में ऐसा पहली बार देखने को मिलेगा. बुंदेसलीगा के अलावा इटली और स्पेनिश फुटबॉल क्लबों ने भी तैयारी शुरू कर दी है. साफ है खेल धीरे-धीरे पटरी पर वापस आ रहा है और यकीन मानिए वो दिन भी दूर नहीं जब जल्द ही फैंस स्टेडियम में जाकर अपने स्टार खिलाड़ियों के खेल का लुत्फ ले पाएंगे. 

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