May 2, 2024

कोरोना नेजल स्वाब टेस्ट : युवती के दिमाग की झिल्ली फटी, नाक से बहने लगा फ्लूइड

वॉशिंगटन।  अमेरिका के आयोवा हॉस्पिटल (Ayova Hospital) में एक महिला कोरोना टेस्ट (Corona Test) कराने लैब पहुंची. टेस्ट करा रही 40 वर्षीय महिला (Woment Get Serious) की जान पर बन आई. स्वाब टेस्ट (Swab Test) जान का खतरा बन गया. दरअसल हुआ यह है कि टेस्ट के दौरान महिला के दिमाग की कोई नस पंक्चर हो गई. उसकी हालत बहुत खराब हो गई. हालांकि डॉक्टरों ने उसे किसी तरह बचा लिया। 


पिछले आठ महीने से जारी है कोरोना का कहर

कोरोना महामारी का कहर पिछले सात-आठ महीने से लगातार जारी है. इसने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है. कोरोना वायरस की दवा को लेकर अभी भी कोई एक स्थिति बन नहीं पाई है, जिसके चलते लोगों में डर का माहौल भी देखा जा रहा है. शायद यही वजह है कि बहुत से लोग कोरोना वायरस का टेस्ट कराने से भी भाग रहे हैं. कोरोना का टेस्ट पीड़ादायी होना भी लोगों के दूर भागने के पीछे एक वजह है. कोरोना का टेस्ट दो तरह का होता है- नेजल स्वाब टेस्ट और दूसरा है थ्रोट स्वाब. नेजल स्वाब टेस्ट की प्रक्रिया काफी कष्टदायी होती है. उक्त महिला का नेजल स्वाब टेस्ट ही किया जा रहा था.


महिला के नाक से दिमाग का फ्लूइड आने लगा बाहर
डॉक्टरों ने गुरुवार को एक मेडिकल जर्नल में बताया कि कोरोना वायरस के नेजल स्वाब के दौरान उनके दिमाग की लाइनिंग फट गई और उसकी नाक से दिमाग का फ्लूइड बाहर आ गया. इसकी वजह से महिला की जान पर बन आई. लाइनिंग पंक्चर होने के चलते महिला के दिमाग में इन्फेक्शन का खतरा उत्पन्न हो गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि 40 साल की महिला को पहले से कोई समस्या थी जिसके बारे में उसे जानकारी नहीं थी. टेस्ट करने में भी गलती हो गई जिससे ऐसा हादसा हो गया.


आयोवा के अस्पताल के डॉक्टर महिला इलेक्टिव हर्निया सर्जरी से पहले नेजल टेस्ट के लिए गई थी. टेस्ट के दौरान महिला के नाक से फ्लूइड निकलता पाया गया. इसके बाद महिला को सिर दर्द, उल्टी, गले की अकड़न, दिखाई नहीं देना जैसी दिक्कतें होने लगी. महिला ने बताया कि इससे पहले भी एक स्वाब टेस्ट हुआ था, तब कोई समस्या नहीं आई थी, शायद दूसरा स्वॉब सही तरीके से नहीं किया गया था. महिला का सालों से इंटरक्रेनियल हाइपरटेंशन के लिए इलाज चल रहा था. 

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