May 15, 2024

बीजापुर : जमलो की मौत से अनजान हैं छोटे भाई-बहन, आज भी कर रहे उसका इंतजार

बीजापुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में  12 साल की जमलो की मौत ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था।  तेलंगाना से अपने घर सूबे के बीजापुर लौट रही बच्ची गांव पहुंचने से पहले ही मौत के मुंह में पहुंच गई थी। जनरपट के संवाददाता जमलो के घर पहुंचे और परिवार का हाल जाना। जमलो के माता-पिता को पता है कि उनकी बेटी अब घर नहीं आएगी, लेकिन उसके छोटे-भाई बहन इससे अनजान हैं।  उन्हें आज भी अपनी बहन के लौटने का इंतजार है। माँ बाप भी चाह कर उन्हें साफ़ साफ़ कुछ बताने का साहस नहीं कर पा रहे हैं। 


मृतिका जमलो के पिता जनरपट से कहते हैं कि भले हमें सरकार की ओर से सहायता राशि का चेक दिया गया, लेकिन मेरी बिटिया तो अब नहीं आ पाएगी।  घर में छोटे भाई-बहन जमलो को याद करते रहते हैं।  उन्होंने बताया कि आदेड़ गांव की 12 साल की जमलो मड़कामी अपने गांव के ही कुछ लोगों के साथ रोजगार की तलाश में 2 महीने पहले मिर्ची तोड़ने तेलंगाना के पेरूर गांव गई हुई थी। उसके बाद क्या हुआ सभी जानते हैं।   

‘लाॅकडाउन-2’ लगने के बाद तेलंगाना से वापस ये मासूम बच्ची अपने साथियों के साथ बीजापुर के लिए पैदल ही रवाना हुई।  करीब 135 किलोमीटर का जंगली सफर पैदल तय कर 12 प्रवासी मजदूरों का दल बीजापुर के मोदकपाल तक किसी तरह पहुंच ही पाया था कि इसी दौरान डिहाइड्रेशन का शिकार होकर जमलो की मौत हो गई। हालांकि सरकार ने मृतिका के परिवार को तात्कालिक आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई हैं।  इतना ही नहीं मजदुर ठेकेदार पर भी प्रकरण दर्ज़ कर आगे की कार्यवाई की जा रही हैं। इसके बाद भी जमलो के परिवार में मातम की छाया साफ़ दिख रही हैं। 

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