May 6, 2024

आर्टिकल 370 के फैसले पर SC की मुहर से BJP को बिग बूस्ट, 2024 में मोदी का मिशन-400 होगा पूरा?

नई दिल्ली। सोमवार को पूरे देश की नजर सुप्रीम कोर्ट पर थी। करीब 4 साल पहले आर्टिकल 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष राज्य के दर्जे को खत्म करने और सूबे को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटे जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शीर्ष अदालत का फैसला आना था। लोगों के मन में तमाम सवाल चल रहे थे। क्या आर्टिकल 370 बहाल हो जाएगा? क्या सुप्रीम कोर्ट आर्टिकल 370 के प्रावधानों को निरस्त करने पर मुहर लगाएगा? फैसला आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने के पक्ष में आया। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई में 5 जजों की संविधान पीठ ने स्पष्ट किया कि आर्टिकल 370 के प्रावधान अस्थायी थे और उन्हें निरस्त करने का फैसला संवैधानिक तौर पर सही है। 5 अगस्त 2019 को संसद के ऐतिहासिक फैसले को न्यायिक समीक्षा की कसौटी पर खरा उतरने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट लिखकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। मोदी सरकार के 2019 के ऐतिहासिक फैसले पर शीर्ष अदालत की मुहर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के लिए बूस्टर डोज की तरह है। ‘मिशन 400’ की राह पर निकली बीजेपी आम चुनाव में इस मुद्दे को अपने पक्ष में भुनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पीएम मोदी ने पोस्ट किया, ‘अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर आज का सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है और 5 अगस्त 2019 को भारत की संसद की तरफ से लिए गए फैसले को संवैधानिक रूप से बरकरार रखता है। यह जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में हमारी बहनों और भाइयों के लिए आशा, प्रगति और एकता की एक शानदार घोषणा है।’ पीएम ने आगे लिखा, ‘अदालत ने अपने गहन ज्ञान से, एकता के मूल सार को मजबूत किया है जिसे हम भारतीय होने के नाते, बाकी सब से ऊपर प्रिय मानते हैं और संजोते हैं। मैं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपके सपनों को पूरा करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता अटूट है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि प्रगति का लाभ न केवल आप तक पहुंचे, बल्कि इसका लाभ हमारे समाज के सबसे कमजोर और हाशिए पर रहने वाले वर्गों तक भी पहुंचे, जो अनुच्छेद 370 के कारण पीड़ित थे। आज का फैसला सिर्फ कानूनी फैसला नहीं है; यह आशा की किरण है, उज्जवल भविष्य का वादा है और एक मजबूत, अधिक एकजुट भारत के निर्माण के हमारे सामूहिक संकल्प का प्रमाण है।’

सुप्रीम कोर्ट का फैसला 2024 से पहले बीजेपी के लिए बड़ा बूस्ट
2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव के बीच जो दो बड़े बदलाव आए हैं, वे हैं- जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर भारतीय संविधान को पूरी तरह वहां लागू करना और अयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण। आम चुनाव से बमुश्किल 3 महीने पहले ही 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। आर्टिकल 370 को निरस्त किए हुए 4 साल से ऊपर हो गए थे। वह मुद्दा धीरे-धीरे लोगों की स्मृतियों में धुंधला पड़ रहा था लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ये मुद्दा फिर सुर्खियों में आ गया है जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलेगा। आर्टिकल 370 को निरस्त करने और अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण बीजेपी सबसे बड़े चुनावी वादों में से थे। जनसंघ के जमाने से उसका जोर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने पर था। दोनों वादे पूरे होने के बाद 2024 में पहली बार लोकसभा चुनाव होने जा रहा है। दोनों ही मुद्दे बीजेपी के राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के अजेंडे को तेज धार देंगे।

‘मिशन 400’ के लिए बीजेपी को मिला टॉनिक
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी आर्टिकल 370 के मुद्दे पर अपने पक्ष में राष्ट्रवाद की लहर पैदा करने की हर मुमकिन कोशिश करेगी। जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद वहां आए सकारात्मक बदलावों को पार्टी पहले ही चुनावों में ‘शो केस’ करती आई है। अगस्त 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर में बदलाव साफ दिख रहे हैं। पत्थरबाजी अब अतीत की बात हो गई जो कभी रोजमर्रा या साप्ताहिक कार्यक्रम जैसी हो चुकी थी। ISIS के काले झंडे गायब हो चुके हैं। आतंकवाद भले ही खत्म नहीं हुआ है लेकिन उसमें बड़ी कमी आई है। सूबा देश की मुख्यधारा के साथ कदमताल कर रहा है। आने वाले समय में उसका पूर्ण राज्य का दर्जा भी बहाल होने जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर 2024 से पहले वहां विधानसभा चुनाव कराने का भी निर्देश दे दिया है। जम्मू-कश्मीर में शांति से विकास का रास्ता प्रशस्त हुआ है। पर्यटन बढ़ रहा है। जिस लालचौक पर कभी तिरंगा लहराना बहुत मुश्किल होता था, आज वहां न सिर्फ शान से तिरंगा लहरा रहा है बल्कि हर धर्म के प्रमुख त्यौहारों पर वहां उत्सव सा माहौल रह रहा है।

संयोग से सुप्रीम कोर्ट का फैसला उसी दिन आया है जिस दिन 31 साल पहले लाल चौक पर तिरंगा फहराने के लिए बीजेपी ने कन्याकुमारी से कश्मीर के लिए एकता यात्रा निकाली थी। 11 दिसंबर 1991 को बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी की अगुआई में निकली उस यात्रा के मुख्य किरदारों में नरेंद्र मोदी भी शामिल थे। एकता यात्रा के समापन पर जोशी और मोदी ने लाल चौक पर तिरंगा फहराया था।

अबकी बार, 400 पार?
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी अब आर्टिकल 370 के बहाने राष्ट्रवाद के मुद्दे को धार देगी। राम मंदिर को लेकर हिंदुत्व के मुद्दे को धार देगी। मोदी सरकार ने उज्ज्वला योजना, मुफ्त राशन, किसान सम्मान निधि, पीएम आवास जैसी अपनी कल्याणकारी योजनाओं से एक ऐसा बड़ा लाभार्थी वर्ग तैयार कर लिया है जो चुनाव में उसकी ताकत बन चुके हैं। नरेंद्र मोदी के दौर में बीजेपी ओबीसी वोटरों को अपने पाले में खींचने में बहुत हद तक कामयाब हुई है। पहले रामनाथ कोविंद और फिर द्रौपदी मूर्मू को राष्ट्रपति की कुर्सी पर बिठाकर पार्टी ने दलित और आदिवासी वोटरों को भी लुभाने की कोशिश की है। उन्हें वाजिब प्रतिनिधित्व देने की कोशिश कर सियासी बड़ा सियासी संदेश दे रही है। चुनावों में पार्टी को इसका लाभ भी मिल रहा है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के हालिया विधानसभा चुनावों में बीजेपी की एसटी सीटें दोगुनी से भी ज्यादा हुई हैं। एससी सीटें भी तकरीब डबल हुई हैं। तीनों राज्यों में बीजेपी की जीत के पीछे ये एक अहम फैक्टर है। अब छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय के रूप में आदिवासी सीएम देकर पार्टी एसटी वर्ग में अपनी पकड़ और मजबूत करने जा रही है। राष्ट्रवाद, हिंदुत्व, ओबीसी-एससी-एसटी को लुभाने के लिए बीजेपी-मार्का सोशल इंजीनियरिंग, नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता, मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाएं और चुनाव जिताने की मशीन बन चुके मजबूत संगठन के दम पर बीजेपी ‘अबकी बार, 400 पार’ मिशन पर मजबूती से आगे बढ़ चुकी है। 2014 में पहली बार 282 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत हासिल करने वाली बीजेपी ने 2019 में उससे भी बड़ी जीत हासिल करते हुए 303 सीटों पर कब्जा किया। अब उसका लक्ष्य पिछली बार से भी ज्यादा प्रचंड जीत हासिल करना है।

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