रायपुर। छत्तीसगढ में युक्तियुक्तकरण को लेकर कई जगहों पर विवाद की स्थिति निर्मित होती जा रही हैं। हर जिलों में अतिशेष की परिभाषा अपने हिसाब से गढ़े जाने के चलते कई जगहों पर यह गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। विरोध के स्वर के बावजूद कई जगहों पर काउंसिलिंग की प्रक्रिया चल रही है, तो कई जगहों पर काउसिलिंग को स्थगित भी किया जा रहा है। सारंगढ़ बिलाईगढ़ में काउसिलिंग की तारीख जहां बदल दी गयी है। वहीं रायपुर में काउंसिलिंग को स्थगित किया गया है।

बता दे यहाँ अभी न ही रिक्त स्थानों की और न ही अतिशेष शिक्षकों की कोई सूची जारी की गई हैं। उसके बगैर ही सोमवार 2 जून से सप्रे स्कूल में काउंसिलिंग का फरमान जारी कर दिया गया था। इसको लेकर शिक्षकों सहित सोशल मिडिया में भी विरोध के स्वर दिखने लगे थे। देर शाम यहाँ बभी काउंसिलिंग स्थगित कर दी गई हैं। रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी की तरफ से इस संदर्भ में आदेश जारी किया गया है। डीईओ रायपुर ने पहले 2 जून से 5 जून तक युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के लिए काउंसिलिंग का आदेश जारी किया गया था। लेकिन अब उसे स्थगित कर दिया गया है। काउंसिलिंग के संदर्भ में आदेश अब नये सिरे से जारी होगा।
रायपुर में तो अतिशेष की सूचि को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। यहाँ अपने चहेतों को लाभ पहुँचाने के लिए राजनितिक कुचक्र रचा जा रहा हैं। दो दो साल से स्कूल से गायब व्याख्याताओं के स्थान भी रिक्त नहीं दिखाए जा रहे हैं। प्रथम नियुक्ति ही राजधानी के स्कूल में पाने वाले शिक्षक और प्रशासनिक तबादलों पर स्कूलों में भेजे गए शिक्षकों को भी अतिशेष की श्रेणी में डाला जा रहा हैं। जबकि ऐच्छिक तबादला लेकर जहाँ पद नहीं वहां डेरा जमाये शिक्षकों को ऊँची पहुँच के चलते अतिशेष की सूचि से बाहर रखा जा रहा हैं। हालांकि अभी अतिशेष की कोई आधिकारिक सूचि नहीं निकली हैं। बावजूद इसके रायपुर में चल रही प्रक्रिया को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।