May 17, 2024

मंत्री आवास पर ED RAID : CG से झारखंड तक शराब घोटाले को लेकर ईडी के ताबड़तोड़ छापे, मंत्री के आवास सहित 32 ठिकानों पर रेड

रायपुर/रांची। छत्तीसगढ़ और झारखंड में शराब घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा कसता जा रहा है। बुधवार को ईडी ने झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के रांची स्थित निजी आवास सहित पांच शहरों में 32 ठिकानों पर छापे मारे। रांची के अलावा धनबाद, दुमका, देवघर, गोड्डा में भी ईडी की छापेमारी हो रही है। धनबाद, दुमका, देवघर, गोड्डा में जहां छापे की कार्वाई चल रही है वे झारखंड में शराब कारोबार के संचालक रहे योगेंद्र तिवारी और उनके सहयोगियों के हैं। ईडी को शुरुआती जांच में पता चला है कि राज्य में शराब कारोबार में घोटाले के जरिए करोड़ों की मनी लांड्रिंग हुई है। वहीँ छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के राजनितिक सलाहकार सहित OSD और कुछ अन्य लोगों के आवास पर छापा मारा हैं। माना जा रहा है कि इनकम टैक्स विभाग ने ये सूचनाएं ईडी के साथ साझा की हैं। इसके बाद यह कार्रवाई की जा रही है। झारखंड में शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ के सिंडिकेट की संलिप्तता भी सामने आई है। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की ईडी जांच पहले से चल रही है।

ईडी की अलग-अलग टीमों ने एक साथ दी दबिश
बताया जा रहा है कि ईडी की अलग-अलग टीमों ने सुबह 7 से 8 बजे के बीच इन ठिकानों पर एक साथ दबिश दी। बड़े शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी के रांची के हरमू स्थित आवास पर भारी संख्या में सुरक्षा बलों के साथ दबिश दी गई। रांची के बरियातू में राज्य के मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव और उनके पुत्र का आवास है। वहां भी सुबह से सुरक्षा बलों की तैनाती के बीच तलाशी ली जा रही है। बताया जा रहा है कि शराब कारोबार में मंत्री पुत्र का भी पैसा लगा है।

छापामार दस्ते में 100 से ज्यादा अधिकारी शामिल
रांची की एक वाहन एजेंसी के संचालक विनय सिंह, जमीन कारोबारी अभिषेक झा और कांग्रेस नेता मुन्नम संजय के घर पर भी रेड पड़ी है। 100 से ज्यादा अधिकारी छापेमारी में लगे हैं। शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी के ठिकानों पर मार्च महीने में आयकर का भी छापा पड़ा था। इस दौरान पता चला था कि उन्होंने 15 करोड़ से अधिक की अघोषित संपत्ति अर्जित की है। आयकर विभाग ने समन जारी कर योगेंद्र तिवारी को 27 मार्च को पूछताछ के लिए हाजिर होने का आदेश दिया था। सर्वे के दौरान मिले दस्तावेज के आधार पर शराब कारोबारी की कंपनी के निदेशक संतोष मंडल ने 15 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति अर्जित करने की बात स्वीकार की थी।

छत्तीसगढ़ के सिंडिकेट की संलिप्तता भी आई सामने
माना जा रहा है कि इनकम टैक्स विभाग ने ये सूचनाएं ईडी के साथ साझा की हैं। इसके बाद यह कार्रवाई की जा रही है। झारखंड में शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ के सिंडिकेट की संलिप्तता भी सामने आई है। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की ईडी जांच पहले से चल रही है। झारखंड में भी शराब कारोबार में सरकार ने छत्तीसगढ़ की सरकारी कंपनी को कंसल्टेंट बनाया था। जांच एजेंसी का मानना है कि छत्तीसगढ़ की तर्ज पर यहां भी शराब कारोबार में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। इसे लेकर ईडी की छत्तीसगढ़ इकाई झारखंड के दो आईएएस से कुछ महीने पहले पूछताछ कर चुकी है।एक माह पहले ईडी ने शराब के नकली होलोग्राम की सप्लाई मामले में नोएडा की एक कंपनी के खिलाफ एफआईआर की थी। उस एफआईआर में जिक्र है कि कंपनी ने झारखंड में भी नकली होलोग्राम की सप्लाई की।

छत्तीसगढ़ : सीएम के राजनीतिक सलाहकार और ओएसडी के यहां ईडी का छापा

केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ में फिर दबिश दी है। रायपुर और भिलाई में ईडी के छापे की सूची आ रही है। मिल रही जानकारी के अनुसार इस बार ईडी ने सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी और स्टाफ को निशाना बनाया है। बताया जा रहा है कि ईडी की टीम सीएम के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा के निवास पर जांच कर रही है। साथ ही सीएम के ओएसडी मनीष बंछोर, आशीष वर्मा और उनके एक करीबी कारोबारी विजय भाटिया के यहां भी छापे की कार्यवाही कर रही है।

गौरतलब है की मुख्यमंत्री का आज जन्मदिन है ऐसे में ईडी के छापे को जनता बदले की भावना की नजर से देख रही है। बता दें कि कथित शराब और कोयल परिवहन घोटाला को लेकर ईडी प्रदेश में लगता छापे की कार्यवाही कर रही है। इन दोनों मामलों में ईडी अब तक दर्जनभर से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें आईएएस समीर विश्नोई, रानू साहू और उप सचिव सौम्या चौरसिया सहित सीएम के कुछ करीबी नेता भी शामिल हैं।

मनीष बंछोर भिलाई स्टील प्लांट के कर्मी है, और सीएम के ओएसडी हैं। इनका घर भिलाई तीन में पुरानी भिलाई थाने के पीछे है। वहीं आशीष वर्मा का घर पदुम नगर में मुख्यमंत्री निवास के पास ही है। ये भी सीएम के ओएसडी हैं। विजय भाटिया का घर भिलाई नेहरू नगर ईस्ट में है। विजय फर्नीचर व्यवसायी हैं। कांग्रेस सरकार बनने के बाद बंगले में गार्ड दिए गए हैं। सत्ता पक्ष के करीबी माने जाते हैं।

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