February 13, 2025

दो रुपए किलो में बिक रहे टमाटर, गोभी…आलू भी 20 पर लौटा, लहसुन दो साल बाद 200 रुपए से कम, बाकी के रेट यहां करें चेक

sabji

रायपुर/बेमेतरा। छत्तीसगढ़ में सब्जियों के दाम में अचानक गिरावट आ गई. इससे आम लोग तो काफी खुश हैं लेकिन किसानों को इसका भारी नुकसान हो रहा है. राजधानी के आसपास लगे जिलों में से बेमेतरा जिला अपने आधुनिक खेती के साथ ही सब्जी उत्पादन में अलग ही स्थान रखता है. जिसमें प्रमुख फसल के रूप में टमाटर ली जाती है.

इस रेट पर मिल रही है सब्जियां
वर्तमान में टमाटर दो से तीन रुपए किलो, गोभी 2 से 5 रुपए, गांठ गोभी 5 से 6 रुपए, पत्ता गोभी 4 से 5 रुपए, प्याज भाजी 6 से 10, लौकी तीन से चार, कद्दू 8 से 10, धनिया 4 से 5, मैथी 10 से 12, लाल भाजी 4 से 5,पालक भाजी 4 से 5, मूली 5 से 6,धनिया 10 से 12रुपए, गाजर 13 से 14 रुपए, मुंनगा 40 से 50, भिंडी 30 से 35 रुपए, मटर 20 से 25 रुपए, सेम 25 से 30 रुपए किलो बिक रहे हैं, वही बाहर से आ रहे लहसुन और आलू के दामों में भी गिरावट देखि जा रही हैं। नई फसल आने से दो साल बाद लहसुन की कीमत दो सौ रुपए से कम हो गई है। इस समय थोक में जहां कीमत 100 से 110 रुपए है, वहीं चिल्हर में 150 से 160 रुपए किलो है। आलू की कीमत भी करीब सालभर बाद वापस चिल्हर में 20 रुपए किलो हो गई है। प्याज भी इस समय सस्ता है।

लाल सोना के नाम से मशहूर टमाटर की कीमत में भारी गिरावट देखी जा रही है. अचानक मौसम में परिवर्तन और गर्मी तेज होने के चलते सब्जियों के दाम में गिरावट देखे जा रहे हैं जिसके चलते किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. सब्जी के उत्पादन में सबसे ज्यादा नुकसान टमाटर में देखा जा रहा है जिसके चलते किसान अब अपने खेतों में ही टमाटर को छोड़ रहे हैं क्योंकि मजदूरी भी नहीं निकल पा रही है.

दो साल से लहसुन की कीमत आसमान पर रही है। बीते साल दिसंबर में कीमत 400 रुपए किलो थी, लेकिन अब नई फसल आने से दो साल बाद लहसुन की कीमत दो सौ रुपए से कम हो गई है। इस समय थोक में जहां कीमत 100 से 110 रुपए है, वहीं चिल्हर में 150 से 160 रुपए किलो है। आलू की कीमत भी करीब सालभर बाद वापस चिल्हर में 20 रुपए किलो हो गई है। प्याज भी इस समय सस्ता है।

महंगाई से आम आदमी परेशान है। लगातार महंगाई बढ़ रही है, ऐसे में अगर किसी सामान की कीमत कम होती है तो आम आदमी को राहत महसूस होती है। हालांकि आमतौर पर महंगे सामान की कीमत इतनी जल्दी कम नहीं होती है। कीमत कम होने के बाद कब इसमें मुनाफाखोरी के कारण कीमत में इजाफा कर दिया जाए कहा नहीं जा सकता है। कारोबारी मुनाफाखोरी से बाज नहीं आते हैं।

लहसुन में अब राहत का तड़का
लहसुन की कीमत बीते दो साल तक 400 रुपए से लेकर 500 रुपए किलो रही है। बीते साल भी कीमत चिल्हर में 500 रुपए तक गई थी। थोक में इसकी कीमत चार सौ रुपए तक रही है। बीते साल दिसंबर से कीमत कम होने लगी थी, लेकिन चिल्हर में इसकी कीमत कम नहीं हो रही थी। लेकिन अब नए साल में चिल्हर में भी कीमत बहुत कम हो गई है, क्योंकि लहसुन की नई फसल आने के बाद इसकी आवाक भी ज्यादा हो रही है। इस समय थोक बाजार में नई लहसुन अच्छी क्वालिटी की बड़ी साइज वाली की कीमत 100 से 110 रुपए किलो है। छोटी साइज की लहसुन की कीमत थोक में 70 से 80 रुपए किलो है। जहां तक चिल्हर का सवाल है तो यह चिल्हर में किलो लेने पर शास्त्री बाजार और बड़े किराना दुकानों में 150 रुपए किलो में मिल रही है। लेकिन अन्य सब्जी बाजारों के साथ ठेके में आलू-प्याज बेचने वालों के पास 40 रुपए पाव के हिसाब से बिक रही है।

आलू की कीमत सालभर पहले वाली
आलू ने बीते साल बहुत भाव खाने का काम किया है। इसका कारण यह है कि बंगाल से यहां पर आलू की आवक बंद हो गई थी। बीते साल दो बार वहां की सरकार ने इसको बाहर के राज्यों में भेजने पर प्रतिबंध लगा था, ऐसे में पहली बार आलू की कीमत थोक में 35 से 40 रुपए और चिल्हर में 50 रुपए तक चली गई थी। दिसंबर से आलू की नई फसल आने के बाद कीमत कम होते-होते अब कीमत थोक में 10 से 12 रुपए और चिल्हर में 20 रुपए हो गई है। वैसे 20 रुपए कीमत शास्त्री बाजार और थोक का काम करने वाली दुकानों पर ही है। बाकी सब्जी बाजार और किराना दुकानों पर इसकी कीमत 25 रुपए तक है। प्याज की कीमत थोक में 25 रुपए और चिल्हर में 35 रुपए है।

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