April 20, 2024

महानदी का अस्तित्व खतरे में – खनिज विभाग का खेला : BSCPL ने सारे नियमों को ताक पर रख किया बेतहाशा खनन; 4 करोड़ 30 लाख का जुर्माना भी नहीं पटाया

रायपुर/महासमुंद। छत्तीसगढ़ में खनन करने वाले वैध और अवैध दोनों ही तरह के लोग पर्यावरण को खासा नुकसान पहुंचा रहे हैं। नदी,नाले,जंगल, ज़मीन सब के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा हैं। सूबे की जीवन दायनी महानदी का अस्तित्व खनिज विभाग की अनदेखी के कारण खतरे में है। मुंबई कोलकाता फोर लेन निर्माण के लिए बीएससीपीएल को लीज पर दिए गए करीब 4 एकड़ भूमि पर खनन की अनुमति दी गई थी। BSCPL कंपनी ने सारे नियमों को ताक पर रखकर आवंटित क्षेत्र से बाहर जाकर बेतहाशा खनन कर दिया है।

अंधाधुंध खनन करने की बात को प्रशासन ने भी माना और कंपनी को 4 करोड़ 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था, लेकिन अब तक कंपनी ने महज 40 लाख रुपये ही जुर्माना जमा किया है।

महासमुंद जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर महानदी के तट पर बसे ग्राम पंचायत बरबसपुर में 10 मई 2012 से 9 मई 2012 तक फोर लेन निर्माण बीएससीपीएल कंपनी को खनिज विभाग ने 4 एकड़ 1.60 हेक्टेयर भूमि लीज पर दिया था. कंपनी ने आवंटित क्षेत्रफल से भी सौ गुना ज्यादा में खनन कर दिया है. प्रभारी खनिज अधिकारी महासमुंद उमेश कुमार भार्गव ने बताया कि खनिज विभाग द्वारा बीएससीपीएल कंपनी पर 4 करोड़ 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया. जिसको लेकर कंपनी न्यायालय मुकदमा दायर कर दी. प्रशासन को मिलने वाली करोड़ों रुपये का राजस्व अधर में लटका हुआ है।

महानदी के आसपास बहुत से खदान संचालित है. खदानों से निकले वाली मलबे को महानदी के आसपास ही डंप किया जा रहा है. जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, साथ ही महानदी का भी दायरा सीमटने लगा है. वहीं, खनिज विभाग के अफसरों की उदासीनता को भी दर्शाता है. विभागीय अधिकारियों का तकिया कलाम है शिकायत मिलने पर कार्रवाई करेंगे। बहरहाल रायपुर सहित आसपास के जिलों में नदियों का सीना चिर कर रेत निकलने का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा हैं।

error: Content is protected !!