April 27, 2024

अवमानना केस : प्रशांत भूषण पर 1 रुपये का जुर्माना, न भरने पर 3 माह की जेल

नई दिल्ली।  न्यायपालिका के खिलाफ अपने दो ट्वीट को लेकर न्यायालय की अवमानना के दोषी ठहराए गए वकील प्रशांत भूषण को शीर्ष अदालत ने एक रुपये का जुर्माना लगाया है।  यह जुर्माना 15 सितंबर भरना होगा।  जुर्माना नहीं भरने की स्थिति में प्रशांत भूषण को तीन महीने की जेल हो सकती है।  साथ ही तीन साल तक वकालत करने पर रोक लगेगी। 

जानकारी के अनुसार प्रशांत भूषण आज चार बजे इस पूरे मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं। 

भूषण द्वारा न्यायालय की तरफ से माफी मांगने के सुझाव को खारिज किए जाने के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने 25 अगस्त को शीर्ष अदालत से अनुरोध किया था शीर्ष अदालत की ओर से स्टेट्समैन जैसा संदेश दिया जाना चाहिए और भूषण को शहीद न बनाएं.

तीन न्यायाधीशों की पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति मिश्रा ने सजा के मुद्दे पर उस दिन अपना फैसला सुरक्षित रखा था.

न्यायमूर्ति मिश्रा दो सितंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं.

उच्चतम न्यायालय ने 14 अगस्त को भूषण को न्यायापालिका के खिलाफ उनके दो अपमानजनक ट्वीट के लिए उन्हें आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया था.

भूषण का पक्ष रख रहे धवन ने भूषण के पूरक बयान का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत से अनुरोध किया था कि वह अपने 14 अगस्त के फैसले को वापस ले ले तथा कोई सजा न दे। उन्होंने अनुरोध किया कि न सिर्फ इस मामले को बंद किया जाना चाहिए, बल्कि विवाद का भी अंत किया जाना चाहिए.

अटॉर्नी जनरल के. के वेणुगोपाल ने अदालत से अनुरोध किया कि वह भूषण को इस संदेश के साथ माफ कर दे कि उन्हें भविष्य में ऐसा कृत्य नहीं दोहराना चाहिए.

पीठ में न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी भी शामिल हैं. पीठ ने ट्वीटों को लेकर माफी न मांगने के रुख पर पुनर्विचार के लिए भूषण को 30 मिनट का समय भी दिया था.

error: Content is protected !!
Exit mobile version