May 3, 2024

कांग्रेस का हाथ थामेंगे प्रमोद? प्रवेश को लेकर अटकलों का बाजार गर्म, राहुल गांधी की मौजूदगी में कुछ और बड़े चेहरों की पार्टी में हो सकती है एंट्री…

रायपुर/बलौदाबाजार/बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ में कुछ विधायक कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। बलौदाबाजार के विधायक प्रमोद शर्मा के कांग्रेस प्रवेश को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हैं। 2 सितम्बर को राहुल गांधी के सामने कांग्रेस प्रवेश होने की चर्चा सोशल मीडिया में चल रही है। जबसे प्रमोद शर्मा ने जोगी कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया है, तब से उनका भाजपा या कांग्रेस में प्रवेश को लेकर अटकलों का दौर जारी है। वहीं विधायक प्रमोद शर्मा ने कहा कि, सब मीडिया में चल रहा है. मेरे कार्यकर्ताओं के साथ तिल्दा और सुहेला में बैठक हुई है. तीसरी बैठक बलौदाबाजार में है, जिसके बाद निर्णय लिया जाएगा. क्योंकि, मेरा बल मेरी ताकत मेरे कार्यकर्ता हैं. उनके निर्णय अनुसार आगे तय किया जाएगा।

बता दें कि, सोशल मीडिया में इन दिनों उनके कांग्रेस प्रवेश को लेकर जमकर चर्चा चली और बलौदाबाजार के कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका कांग्रेस प्रवेश का विरोध दर्ज कराया, जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को दूसरे ही दिन बलौदाबाजार आना पड़ा था. हालांकि, इसके पीछे की वजह दीपक बैज के द्वारा प्रमोद शर्मा के कांग्रेस में प्रवेश की बात कही थी। उनके साथ सैकड़ों की संख्या में जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ता भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।

वहीं बलौदाबाजार में दीपक बैज ने कहा कि, कार्यकर्ताओं की मंशा ली गई है, ऊपर भी चर्चा की जाएगी. उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा. वहीं अब फिर से 2 सितम्बर को कांग्रेस प्रवेश की बात सामने आ रही है। बताया यह भी जा रहा है कि, प्रमोद शर्मा के व्यवहार और जनमानस के बीच उनकी लोकप्रियता कहीं न कहीं दोनों पार्टियों को अच्छा खासा नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए दोनों ही पार्टियां उन्हें अपने पाले में लाने की जुगत में हैं।

दूसरी तरफ बेमेतरा विधानसभा से पिछला चुनाव लड़ने वाले योगेश तिवारी की भी भाजपा या कांग्रेस का दामन थामने की चर्चा चल रही हैं। सूत्रों का दावा हैं की उन्होंने भाजपा प्रवेश का मन बना लिया था। पर स्थानिय नेताओं और कार्यकर्ताओं के पुरजोर विरोध को देखते हुए पार्टी ने उनके प्रवेश का कार्यक्रम टाल दिया हैं। वहीँ प्रदेश स्तर के शीर्षस्थ नेता निशर्त पार्टी में प्रवेश देने का मन बना रहे हैं। इस पर एक बार स्थानीय कार्यकर्ता सहमत भी हो जाए। पर राजनितिक हलकों में इस बात की चर्चा हैं की योगेश को विधायक प्रत्याशी की टिकिट से कम कुछ भी मंजूर नहीं हैं। ऐसे में मामला अब तक उलझा हुआ हैं। दूसरी तरफ उनका संपर्क कांग्रेस नेताओं से भी बराबर बना हुआ हैं। पर जोगी की निकटता के चलते उन्हें कांग्रेस में पहले की तरह भाव नहीं दिया जा रहा हैं। अंततः आखिर में निर्णय उन्हें ही करना हैं की वे इन दोनों के अलावा किसी और पार्टी का दामन थामेंगे या फिर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरेंगे।

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