November 18, 2025

रायपुर में धरना-प्रदर्शन पर लगेगा 500 रु. फीस : निगम ने तय की नई दरें, विपक्ष ने कहा- लोकतंत्र की आवाज दबाने की कोशिश

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रायपुर। राजधानी रायपुर में अब सार्वजनिक स्थानों पर धरना-प्रदर्शन करना या पंडाल लगाना मुफ्त नहीं रहेगा। रायपुर नगर निगम ने नया नियम जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि धरना-प्रदर्शन के लिए 500 रुपए और पंडाल लगाने के लिए 5 रुपए प्रति वर्ग फुट की दर से शुल्क देना होगा। नया रायपुर के तूता धरनास्थल पर पहले से ही प्रदर्शन पर रोक है, वहीं अब निगम के इस नए फैसले ने सामाजिक संगठनों और विपक्षी दलों के बीच नई बहस खड़ी कर दी है।

नगर निगम का तर्क- खर्च को ध्यान में रखा गया
महापौर मीनल चौबे ने कहा कि धरना-प्रदर्शन के दौरान नगर निगम को सफाई, ट्रैफिक नियंत्रण और अन्य व्यवस्थाओं पर अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ता है। इसलिए यह शुल्क शहर की व्यवस्था और स्वच्छता बनाए रखने के लिए लागू किया गया है।

उन्होंने बताया कि राज्य शासन के निर्देश पर इस तरह की गतिविधियों के लिए विशेष नियम बनाए जा रहे हैं, ताकि शहर में अव्यवस्था या गंदगी न फैले। चौबे ने कहा, “इस निर्णय का उद्देश्य किसी की आवाज दबाना नहीं, बल्कि शहर की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना है।”

लोकतंत्र की भावना के खिलाफ बताया फैसला
नगर निगम के इस फैसले का कई संगठनों और नेताओं ने विरोध किया है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि धरना-प्रदर्शन पर शुल्क लगाना लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर करने वाला कदम है।

किसान नेता तेजराम विद्रोही ने कहा कि यह जनता की आवाज को रोकने की कोशिश है। उन्होंने कहा, “यह निर्णय लोकतंत्र की हत्या जैसा है। यदि जनता की आवाज को जबरन दबाने की कोशिश हुई, तो विरोध और उग्र होगा।” संगठनों का मानना है कि यह नीति नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर अंकुश लगाने जैसा है और इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।

आने वाले दिनों में शुल्क 1000 रुपए तक बढ़ सकता है
नगर निगम के सूत्रों के अनुसार, फिलहाल 500 रुपए का शुल्क तय किया गया है, लेकिन आने वाले समय में यह राशि 1000 रुपए तक बढ़ाई जा सकती है। निगम की सामान्य सभा में इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया है। निगम का कहना है कि यह निर्णय शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों में प्रदर्शन के दौरान स्वच्छता और यातायात को व्यवस्थित रखने के उद्देश्य से लिया गया है।

नवा रायपुर में फिलहाल धरना-प्रदर्शन पर रोक
इस बीच, नवा रायपुर (अटल नगर) में फिलहाल दो महीने के लिए धरना-प्रदर्शन पर अस्थायी रोक लगा दी गई है। कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के आदेश के अनुसार, रखरखाव कार्य और प्रशासनिक कारणों से इस अवधि में किसी भी सार्वजनिक प्रदर्शन या सभा की अनुमति नहीं दी जाएगी। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस दौरान किसी अन्य स्थान पर भी धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी।

लोकतांत्रिक अधिकार बनाम प्रशासनिक नियंत्रण
रायपुर नगर निगम के इस निर्णय ने एक बार फिर “लोकतांत्रिक अधिकार बनाम प्रशासनिक नियंत्रण” पर नई बहस छेड़ दी है। जहां एक ओर प्रशासन इसे शहरी प्रबंधन की आवश्यकता बता रहा है, वहीं नागरिक संगठन इसे जनता की आवाज को सीमित करने का प्रयास मान रहे हैं। अब देखना यह होगा कि निगम अपने फैसले पर कितना अडिग रहता है या विरोध के दबाव में इसे वापस लेता है।

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