May 19, 2024

गांधी परिवार के गढ़ में पूर्व CM भूपेश को बड़ी जिम्मेदारी, इस सीट का बनाया गया पर्यवेक्षक

रायपुर । Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को एक और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है, उन्हें गांधी परिवार की मजबूत सीट का वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया गया है. इस सीट से खुद कांग्रेस नेता राहुल गांधी चुनाव मैदान में उतरे हैं, जिससे मुकाबला दिलचस्प नजर आ रहा है. भूपेश बघेल ने इस बार खुद राजनांदगांव लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा है, ऐसे में उनकी सीट पर वोटिंग के बाद अब पार्टी ने उन्हें नई जिम्मेदारी सौंप दी है.

रायबरेली का बनाया पर्यवेक्षक
कांग्रेस पार्टी ने भूपेश बघेल को उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट का सीनियर पर्यवेक्षक बनाया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. रायबरेली लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सबसे मजबूत सीट मानी जाती है, 2019 में यहां से कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जीत हासिल की थी. लेकिन इस बार उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा, उनकी जगह पर पार्टी ने आखिरी वक्त में राहुल गांधी को यहां से चुनाव लड़ाया है.

बता दें कि रायबरेली लोकसभा सीट से अब तक सोनिया गांधी ही चुनाव लड़ती आ रही थी, लेकिन पहली बार पार्टी ने यहां से राहुल गांधी को उतारा है. राहुल गांधी इस बार दो सीटों से चुनाव मैदान में हैं. वह रायबरेली के अलावा केरल की वायनाड सीट से भी प्रत्याशी हैं, वायनाड में वोटिंग हो चुकी है. ऐसे में अब राहुल का भी पूरा फोकस रायबरेली में ही होगा. इसलिए पार्टी ने सीनियर नेता होने के नाते भूपेश बघेल के इस सीट का पर्यवेक्षक बनाया है. भूपेश बघेल की गिनती राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के करीबियों में होती है. ऐसे में बघेल अब रायबरेली में सक्रिए होंगे. उन्होंने इस जिम्मेदारी के लिए पार्टी का धन्यवाद भी किया है.

राजनांदगांव से लड़ा है चुनाव
कांग्रेस ने इस बार भूपेश बघेल को भी लोकसभा चुनाव में टिकट दिया था. भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ की राजनांदगांव लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे, उनका मुकाबला बीजेपी के सटिंग सांसद संतोष पांडे से हुआ था. बघेल फिलहाल दुर्ग जिले की पाटन विधानसभा सीट से विधायक हैं. भूपेश बघेल के अलावा राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी अमेठी लोकसभा सीट का वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया है, ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने दोनों सीनियर नेताओं को लोकसभा चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी है.

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