May 18, 2024

आखिर कौन सी मन्नत मांगी है स्वास्थ्य मंत्री ने खोपा देवता से… पूरा होने पर 101 बकरे चढ़ाने का वादा

सूरजपुर।  छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का एक और बयान सुर्खियां बटोर रहा है।  जिले के खोपा धाम पहुंचे मंत्री सिंहेदव ने कहा कि, ‘मैं जल्दी मांगता नहीं हूं, खासतौर पर अपने लिए. लेकिन आज 101 बकरे की बात किया हूं।  अगर मन्नत पूरी हुई तो 101 बकरा चढ़ाना पड़ेगा.’ खोपा धाम को लेकर मान्यता है कि यहां बकरे की बलि से मन्नत पूरी होती है. जनरपट ऐसे किसी अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता है।  

टीएस सिंहदेव खोपा गांव फुटबॉल मैच के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. इस गांव की पहचान खोपा धाम से है. यहां सिंहदेव ने पूजा-अर्चना की. इस दौरान मंच से उन्होंने मन्नत पूरी होने और 101 बकरे चढ़ाने वाला बयान दिया है. ‘बाबा’ के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. एक तो ढाई-ढाई साल का सीएम फॉर्मूला भी कुछ दिनों से चर्चा में था. दूसरी तरफ उन्हें कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी मिलने की बातें भी हो रही हैं. सिंहदेव ने इसे मीडिया का बनाया मुद्दा कह कर पल्ला झाड़ लिया था. 

अब सिंहदेव ने क्या पाने के लिए देवता को 101 बकरा चढ़ाने की मन्नत मांगी है यह तो बाद में पता चलेगा, लेकिन कांग्रेस की मौजूदा राजनीतिक माहौल में हलचल पैदा करने के लिए यह काफी है।

सूरजपुर से 13 किमी दूर खोपा गांव में आसपास के क्षेत्रों में काफी मान्यता है। यहां एक खुले मैदान में खोपा देवता की प्रतिमा स्थापित है। देवता के श्रद्धालुओं का कहना है कि अधिकतम एक साल के भीतर मन्नत पूरी हो जाती है। मन्नत पूरी होने तक मांगने वाला श्रद्धालु देवता के दरबार में नहीं जा सकता।

मन्नत पूरी होने के बाद श्रद्धालु मन्नत का बकरा और शराब लेकर यहां पहुंचते हैं। बैगा इस चढ़ावे को देवता को समर्पित कर अपने विशिष्ट अंदाज में स्वीकार करने की प्रार्थना करता है। इसके बाद वहीं खुले मैदान में बकरे को पकाकर प्रसाद के तौर पर वितरित किया जाता है। महिलाओं को यह प्रसाद खाने की इजाजत नहीं है।

कांग्रेस सरकार के 2 साल पूरे होते ही एक बार फिर से ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री के फॉर्मूले ने जोर पकड़ लिया था. सिंहदेव के बयानों ने भी इसे हवा दी थी. उन्होंने 2 दिन का सीएम देखा और 15 साल का भी कह कर राजनीतिक जानकारों को मंथन करने पर विवश किया. इसके बाद सरगुजा में सीएम बघेल और सिंहदेव दोनों साथ नजर आए. लेकिन जिस दिन सरकार दो साल के जश्न का कार्यक्रम चंदखुरी में था, सिंहदेव वहां गए तो लेकिन मंच से ही उठकर लौट गए थे. 

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