May 6, 2024

किंगडम ऑफ अटलांटिस सतत विकास लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन में ग्रीन केयर सिसाइटी इंडिया के विश्वनाथ ने दिया सुझाव

पूरे विश्व स्तर पर छत्तीसगढ़ भारत समेत 28 देशों से महान हस्तियां अपने विचार व्यक्त किए

जीवन अनुकूल हेतु जल जंगल जमीन की सुरक्षा एवं पुनरुत्थान आवश्यकता है: अमुजुरी विश्वनाथ

संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य में आकाश एवं अन्तरिक्ष को भी जगह दे : डॉ पाणिग्रही

गीदम/दंतेवाड़ा | धरती पर बेहतर जीवन के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा 17 सतत विकास लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, जिसे 2030 तक पूरा करने का विचार है। इस एसडीजी 17 लक्ष्य पर राष्ट्रिय, अंतरराष्ट्रीय मंथन, वेबिनोर, कार्यशाला, कांफ्रेंस निरंतर जारी हैं । अनेक कार्यक्रमों में ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया ने सतत भागीदारी निभाकर अनेक सुझाव संयुक्त राष्ट्र को भेजे हैं। इसकी ताजा कड़ी में किंगडम ऑफ अटलांटिस द्वारा अटलांटिस प्लेनेटरी प्रधान मंत्री मौरो वर्जीनिया पोल्टीछिया, सतत विकास राज्य मंत्री डॉ प्रतीक राजन मुंगेकर, अध्यक्ष माइकल पुज़ोलांटे सहायोग आयोजक द्वारा 2 दिवसीय एसडीजी गोल 17 एवं नवाचार खोज अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन ऑनलाइन में आयोजित किया गया। जिसमें भारत छत्तीसगढ़ से ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया के अध्यक्ष डॉ विश्वनाथ पाणिग्रही ने एसडीजी गोल नंबर 6 स्वच्छ जल व स्वच्छता पर और डायरेक्टर तथा अंतर्राष्ट्रीय एसडीजी वॉरियर अमुजुरी विश्वनाथ ने एसडीजी गोल नंबर 15 जमीन पर जीवन विषय पर वक्ता के रुप अपने बात रखी।

जय जोहार, छत्तीसगढ़िया सब ले बढ़िया का उद्घोष व तर्क संगत बातों का उल्लेख करते हुए डॉ विश्वनाथ पाणिग्रही ने प्रस्ताव रखा कि विभिन्न मुद्दों पर 17 लक्ष्य संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित किए गए हैं, परंतु आकाश एवं अन्तरिक्ष के लिए कोई स्वतंत्र एसडीजी लक्ष्य निर्धारित नहीं है। धरती पर जीवन को सुखमय बनाने हेतु स्काई एंड स्पेस की भूमिका अति महत्वपूर्ण है, जिसके बिना जीवन संभव नहीं है । वेबिनिर में सहभागिता निभा रहे अनेक अंतराष्ट्रीय स्पीकर्स ने भी इसे गंभीरता से लिया। इस कड़ी मे अनेक अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में भागीदारी ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया के डायरेक्टर एंड सीओओ अमुजुरी विश्वनाथ ने एसडीजी लक्ष्य नंबर 15 लाइफ ऑन अर्थ पर अपना श्रेष्ठ दृष्टि कोण रखा साथ ही कहा कि 2015 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित 17 सतत विकास लक्ष्यों में से एक, आधिकारिक लक्ष्य है, “स्थलीय पारिस्थितिक तंत्र के सतत उपयोग की रक्षा, पुनर्स्थापना और बढ़ावा देना, जंगलों का स्थायी प्रबंधन, मरुस्थलीकरण का मुकाबला करना, भूमि क्षरण को रोकना और जैव विविधता नुकसान को रोकना ।” इस लक्ष्य को 2030 तक हासिल करने के लिए प्रयास जारी है तथा आर 4 टेक्नोलॉजी रेड्यूस, रीसायकल, रियूज एवं रिपीट का विस्तृत विवरण देते हुए अंतराष्ट्रीय समुदाय को अवगत किया। इस अवसर पर कार्यक्रम को भारत के डॉ शैली बिष्ट और बांग्लादेश के नूर अहमद ने मंच संचालन कर अतिथि वक्ताओं को प्रेरित किया। इस अंतर्राष्ट्रीय अधिवेशन में 28 देशों भारत समेत इंडोनेशिया, क्रोएशिया, जिम्बाब्वे, स्वीडन, वियतनाम, ट्यूनीशिया, अफगानिस्तान, मिस्र, नाइजेरिया, श्रीलंका, इटली, सूडान, रोमानिया, ग्रीस, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, संयुक्त अरब एमिरेट, इंडोनेशिया, ट्यूनीशिया, पाकिस्तान, कोरिया गणराज्य, यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन, उत्तरी आयरलैंड, इज़राइल, बांग्लादेश, इटली के महान हस्तियां अपने विचार व्यक्त किए।

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