May 14, 2024

यूपी : बसों को न घुसने देने पर भरतपुर में धरने पर बैठे कांग्रेस कार्यकर्ता

लखनऊ।  प्रवासी मजदूरों के लिए बसें भेजे जाने के मुद्दे पर कांग्रेस घिरती दिख रही है. प्रियंका गांधी द्वारा बसें चलाने की मांग से जुड़ा एक पत्र लिखने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने उस पर सनसनीखेज जवाब दिया है. उन्होंने कहा कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी द्वारा भेजी गई बसों की लिस्ट में दोपहिया-तिपहिया वाहनों के नंबर भी शामिल हैं. दूसरी ओर यूपी-राजस्थान की सीमा पर भरतपुर के पास बसों को उत्तर प्रदेश में प्रवेश न मिलने से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने धरना देना शुरू कर दिया है। 

इसी बीच कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने एक ट्वीट में कहा, ‘कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रायोजित 600 बसों को आगरा में रोक दिया गया है, जिससे उन्हें गरीब और पीड़ित प्रवासियों को घर वापस जाने से रोका जा सके. क्या बीजेपी क्रेडिट की इतनी भूखी है कि वह गरीबों को इस तरह से पीड़ित होने देगी?’

इसी बीच राजस्थान के भरतपुर से कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी के निर्देश के बाद राजस्थान की तरफ से प्रवासी मजदूरों को छोड़ने के लिए बसें भेजी जा रही हैं, लेकिन मंगलवार को भी राजस्थान की बसें भरतपुर जिले के आगरा बॉर्डर पर ही खड़ी हैं, क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बसों को यूपी में घुसने की अनुमति नहीं मिली है. इसी बीच आगरा पुलिस ने बॉर्डर पर नाकेबंदी कर दी है. आगरा पुलिस के एसपी रवि कुमार ने नाकेबंदी स्थल का निरीक्षण किया.  

वहीं, आगरा पुलिस की ओर से नाकेबंदी की सूचना मिलने पर भरतपुर के पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं. जानकारी के अनुसार पुलिस ने बॉर्डर के पास से राजस्थान के मंत्रियों की गाड़ी वापस लौटा दी है. उधर, भरतपुर-आगरा बॉर्डर पर आगरा और भरतपुर के कांग्रेसी नेताओं ने धरना दे दिया है. धरने के दौरान कांग्रेसी नेता उत्तर प्रदेश के योगी सरकार और उत्तर प्रदेश पुलिस के खिलाफ नारे लगा रहे हैं.

जानकारी के अनुसार राजस्थान की ओर से प्रवासी मजदूरों को छोड़ने के लिए एक हजार बसें भेजी जा रही है, जिसमें से 100 बसें भरतपुर से जा रही है. जिले के तीन अलग-अलग बॉर्डर से एक हजार बसें रवाना होंगी, लेकिन अभी तक बसों की एंट्री के लिए अनुमति नहीं मिली है. कुछ दिनों पहले भी जिले से उत्तर प्रदेश के बॉर्डर तक राजस्थान की बसें भेजी गई थी, लेकिन अनुमति नहीं मिलने के कारण बसों को वापस लौटना पड़ा.  

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