May 19, 2024

कांग्रेस की हार पर शैलेष नितिन त्रिवेदी का फूटा दर्द, कहा- हम चुनाव भाजपा से नहीं, इवीएम से हारे…

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार का दर्द गाहे-बगाहे सामने आते रहता है. ताजा प्रकरण बलौदाबाजार विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी शैलेष नितिन त्रिवेदी का है, जिन्होंने अपना दर्द साझा करते हुए कहा कि कांग्रेस प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा से नहीं, बल्कि इवीएम से हारी है.

शैलेष नितिन त्रिवेदी ने गुरुवार को बलौदाबाजार में मीडिया से रू-ब-रू हुए. इस दौरान उन्होंने हार की ठीकरा इवीएम पर फोड़ते हुए कहा कि इसके विरोध में सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष तथ्यों एवं प्रमाणों के साथ पूरी जानकारी भेजी जा रही है, जिससे भाजपा यह षड़यंत्र लोकसभा चुनाव में दोबारा दोहरा ना सके.

उन्होंने कहा कि मैं निर्वाचन व्यय पत्रक प्रस्तुत करने और स्वीकृत होने की अर्थात चुनाव प्रक्रिया पूर्ण होने की प्रतीक्षा कर रहा था. इस बीच लगातार जनता के बीच जा रहा हूं. इसमें स्पष्ट रूप से यह बात सामने आ रही है कि हम भाजपा से नहीं, बल्कि इवीएम से चुनाव हारे है. केवल बलौदाबाजार में ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ में अनेक चिंहित विधानसभा क्षेत्रों में, मध्यप्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ हुआ है, जनभावनाओं का निरादर हुआ है.

त्रिवेदी ने बलौदाबाजार के साथ-साथ रायपुर जिला के अंतर्गत तिल्दा ब्लॉक में कांग्रेस और भाजपा के मतों के अंतर को समझ से परे बताते हुए कहा कि निश्वित रूप से पूरे रायपुर जिले में सभी इवीएम में छेड़छाड़ की गई है. इसके साथ उन्होंने तिल्दा नेवरा स्थित कोहका कॉलेज में अस्थाई रूप से बनाए गए स्ट्रांग रूम की जानकारी नहीं दिए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस स्थान से इवीएम मशीनों को मतदान के पश्चात् बलौदाबाजार जिला तक ट्रक से वापस लाने की भी जानकारी नहीं दी गई.

कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को अस्थाई स्ट्रांग रूम का अवलोकन करने से रोके जाने बात कहते हुए शैलेष नितिन ने आरोप लगाया कि जिलेवार आए परिणामों से स्पष्ट है कि जिलेवार इवीएम मशीनों को किसी पार्टी या प्रत्याशी को जिताने के लिए सुनियोजित तरीके से सेट किया गया हो. उन्होंने अमेरिका, जर्मनी, नीदरलैण्ड, जैसे देशों में इवीएम की बजाए बैलेट पेपर के जरिए चुनाव कराए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि चुनाव की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हो, इसके लिए प्रत्येक नागरिक को अपने दिए गए वोट सही जगह गिना जाए और प्रमाण योग्य प्रक्रिया से हो.

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