राजनांदगांव: प्रशाासन की कोशिश रही बेकार, बहिष्कृत परिवार और ग्रामीणों के बीच नहीं हुई सुलह
राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगाव जिलान्तर्गत डोंगरगढ़ विकासखंड के मुड़पार पंचायत में 11 परिवारों का समाज से बहिष्कार कर दिया गया था। इतना ही नहीं इन परिवारों को 7 लाख रुपए जुर्माना जमा करने का फरमान भी जारी किया गया था, जिससे परेशान होकर पीड़ित परिवारों ने कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई थी। इस मामले में शुक्रवार को प्रशासन की टीम दोनों पक्षों में सुलह कराने गांव पहुंची।
पीड़ित परिवार वालों का कहना है कि, ‘उन्होंने उपसरपंच के चुनाव में इंदिया चौधरी की मदद की थी, जिसके बाद सहयोगी पंच समेत सभी को बहिष्कृत कर दिया गया है। साथ ही सभी परिवारों पर मनचाहा जुर्माना भी लगा दिया गया है, जिससे उनके सामने जिंदगी की गाड़ी आगे बढ़ाने में परेशानी हो रही है। इसके साथ ही इन परिवारों के मवेशियों को घास चराने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. जिससे परेशान होकर लोगों ने कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य से शिकायत की थी।
मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम अविनाश भोई,एसडीओपी चन्द्रेश ठाकुर के निर्देशन में थाना प्रभारी अलेक्जेंडर किरो और तहसीलदार अविनाश ठाकुर सहित प्रशासन के लोग गांव पहुंचे। प्रशासन बातचीत कर दोनों पक्षों में मामला सुलझाने की कोशिश की। 3 घंटे की बातचीत के बाद भी कोई नतीजा निकल कर सामने नहीं आ रहा है। प्रशासन सभी से साथ रहने की अपील कर रहा है। वहीं एक पक्ष इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं है। प्रशासन की मौजूदगी में वाद-विवाद की स्थिति निर्मित हो गई है। प्रशासन ने कहा है कि ‘जल्द ही मामला सुलझा लिया जाएगा’.
डोंगरगढ़ विकासखंड के मुड़पार पंचायत में 24 फरवरी को उपसरपंच का चुनाव कराया गया था।इंदिया चौधरी ने ये चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गई थीं। गांव के लोगों ने हारी हुई प्रत्याशी इंदिया चौधरी सहित उनके सहयोगी पंच और अन्य 10 परिवार को गांव से बहिष्कार कर दिया। साथ ही बहिष्कार वापस लेने के एवज में सभी को मिलाकर 7 लाख रुपए जुर्माना देने की शर्त लगा दी। जुर्माना नहीं देने की स्थिति में गांव में सम्मिलित नहीं करने की चेतावनी भी दी गई है।