May 1, 2024

New RAW Chief : कई सीनियर IPS छोड़कर क्यों रवि सिन्हा को बनाया गया रॉ चीफ, पढ़ें Inside Story

नईदिल्ली। New RAW Chief IPS Ravi Sinha: छत्तीसगढ़ कैडर 1988 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रवि सिन्हा को हिंदुस्तानी हुकूमत ने अगला रॉ चीफ बनाया है. रवि सिन्हा आगामी 30 जून 2023 को मौजूदा RAW (अनुसंधान और विश्लेषण विंग) प्रमुख सामंत कुमार गोयल के रिटायर होने से खाली हुए उनके पद का कार्यभार ग्रहण करेंगे. रवि सिन्हा का कार्यकाल 2 साल होगा.

रवि सिन्हा को नया या अगला रॉ प्रमुख बनाए जाते ही चर्चाओं और सवालों का बाजार देश दुनिया में गरम है. सवाल उठ रहा था कि आखिर जब देश में रवि सिन्हा से भी वरिष्ठ 1987 बैच के कई आईपीएस अधिकारी मौजूद हैं, तो फिर ऐसे में वो कौन सी वजहें रहीं जिनके चलते, हिंदुस्तानी हुकूमत ने रवि सिन्हा के कई वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को नजंअदाज करके रवि सिन्हा के नाम पर ही इस पद के लिए मुहर लगाई.

इन वजहों से बने RAW चीफ
आइए जानते हैं उन वजहों को जिन्होंने देश में मौजूद तमाम आईपीएस अफसरों को पछाड़ या पीछे छोड़कर रवि सिन्हा को बनवाया अगला या कहिए नया रॉ चीफ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग).
पहली प्रमुख वजह रही 35 साल के भारतीय पुलिस सेवाकाल में रवि सिन्हा के ऊपर खाकी की नौकरी में कभी कोई दाग न लगना.
दूसरी वजह रही इन बीते 35 साल की पुलिस महकमे की नौकरी में रवि सिन्हा को स्टेट या केंद्र की हुकूमत ने जहां भी नि्यक्ति दी. उन्होंने उस स्थान से अपना स्थानांतरण कभी भी रुकवाने या बदलवाने का प्रयास तक नहीं किया.
हिंदुस्तानी हुकूमत ने रवि सिन्हा को अब से पहले जब कैबिनेट सचिवालय में विशेष सचिव बनाया था. तभी यह बात साफ होने लगी थी कि हो न हो केंद्र सरकार रवि सिन्हा को उनके अब तक के सेवाकाल में बेदाग आचरण और अनुभव के चलते किसी न किसी महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सौंप सकती है.
लिहाजा ऐसे में और शुरू से ही हुकूमत की नजरों में ‘खास-जगह’ बनाने में कामयाब रहने वाले रवि सिन्हा को उनके बाकी कई सीनियर बैचमेट आईपीएस अधिकारियों से आगे लाकर अब नए रॉ चीफ की कुर्सी सौंपी गई है.

‘ऑपरेशन मैन’ के नाम से मशहूर हैं रवि सिन्हा
रॉ और भारतीय पुलिस सेवा में ‘ऑपरेशन मैन’ के नाम से मशहूर-चर्चित रवि सिन्हा बीते करीब 7 साल से इसी ‘रॉ’ में ऑपरेशन विंग के सेकेंड-इन-कमांड हैं. इसी वजह से उन्हें ‘ऑपरेशन मैन’ के नाम से भी जाना जाता है.

रॉ के लंदन में डिप्टी सेक्रेटरी रह चुके एन के सूद कहते हैं कि इंटीग्रेटेड टेक्नोलॉजी और ह्यूमन इंटेलीजेंस में हाल-फिलहाल रॉ के भीतर रवि सिन्हा का कोई दूसरा और विकल्प मौजूद नहीं है. दूसरे रॉ में आधुनिक तकनीक के जबरदस्त इस्तेमाल का श्रेय भी इन्हीं रवि सिन्हा को आईपीएस की बाकी भीड़ से अलग खड़ा करता है.

दुनिया मानती है काबिलियत का लोहा
RAW के ही एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘यूं तो रॉ अपने काम के चलते दुनिया में किसी की बैसाखियों की मोहताज नहीं है. हां, रवि सिन्हा की रॉ में तैनाती के साथ-साथ उनकी काबिलियत का लोहा दुनिया भर की मशहूर खुफिया एजेंसियां जैसे इजराइल की मोसाद, संयुक्त राज्य अमेरिका की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (एनएसए), एमआई-6, सीआईए तक मानती हैं.’

इस वजह से भी बनाए गए रॉ चीफ
कई साल तक पाकिस्तान, नेपाल, अफगानिस्तान, यूएई, इराक, कनाडा में रॉ के लिए बड़ी जिम्मेदारी वाले पद पर काम कर चुके और लंदन में रॉ के तीन साल (साल 1997 से 2000 तक) डिप्टी सेक्रेटरी रह चुके एन के सूद के मुताबिक, ‘रॉ में ऑपरेशनल वर्क करने का जितना लंबा और गहरा अनुभव इस वक्त रवि सिन्हा को है. इतना लंबा अनुभव उनके सीनियर आईपीएस अधिकारियों के पास न होना भी, रवि सिन्हा को देश का अगला रॉ चीफ बनवाने में मजबूत ‘ब्रिज” बना है.’

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