April 29, 2024

हनुमान चालीसा की चौपाई में गलती! जगदगुरु रामभद्राचार्य ने कहा- गलत तरीके से हो रहा पाठ..नरेंद्र मोदी तीसरी बार बनेंगे प्रधानमंत्री…

आगरा। रोज सुबह जो हनुमान चालीसा का पाठ आप करते हैं, क्या आपको पता है कि इसमें कई खामियां हैं. यह हम नहीं, प्राख्यात मानस ममर्ज्ञ और तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरु रामभद्राचार्य कहते हैं. उनका मानना है कि पब्लिशिंग की खामी की वजह से हनुमान चालिसा की कई चौपाइयों में अशुद्धियां हैं और अनजाने में हम हनुमान चालीसा का पाठ इन अशुद्धियों के साथ ही करने लगते हैं. उन्होंने कहा कि इन अशुद्धियों के संबंध में तर्क प्रस्तुत करते हुए इन्हें ठीक करने की जरूरत बताई. जगदगुरु रामभद्राचार्य ने इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2024 के लोकसभा चुनावों में बहुमत मिलने की भविष्यवाणी की. कहा कि उनके फिर से प्रधानमंत्री बनने के बाद देश के सभी संत मिलकर रामचरित मानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित कराएंगे. संतों की ओर से दबाव बनाया जाएगा कि वह सदन में इसके लिए बिल लेकर आएं.

जगदगुरु रामभद्राचार्य इन दिनों 3 अप्रैल से आगरा में हैं. हनुमान जयंती की पूर्व संध्या पर उन्होंने मीडिया से बात की. इस दौरान उन्होंने हनुमान चालीसा की चार अशुद्धियों का जिक्र किया. कहा कि हनुमान चालीसा की एक चौपाई यह है कि’शंकर सुमन केसरी नंदन…’. इसका तात्पर्य यह बताया जाता है कि हनुमान जी शंकर जी के पुत्र हैं. जबकि ऐसा नहीं है. हनुमान जी स्वयं शंकर जी है. इसलिए सही चौपायी यह होगी कि ‘शंकर स्वयं केसरी नंदन…’.

इसी प्रकार हनुमान चालीसा की 27वीं चौपायी ‘सब पर राम तपस्वी राजा…’ है. इसमें तपस्वी राजा गलत है. इसकी जगह पर ‘सब पर राम राज फिर ताजा…’ होना चाहिए. तुलसी पीठाधीश्वर के मुताबिक इसी प्रकार 32वीं चौपायी में लिखा है कि ‘राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपति के दासा…’ इसमें सदा रहो रघुपति के दासा की जगह सादर रहो रघुपति के दासा होना चाहिए.

उन्होंने 38वीं चौपायी को लेकर कहा कि इसमें ‘जो सत बार पाठ कर कोई…’ लिखा है, जबकि होना यह चाहिए कि ‘यह सत बार पाठ कर जोही’ हो. जगदगुरु रामभद्राचार्य ने इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2024 के लोकसभा चुनावों में बहुमत मिलने की भविष्यवाणी की. कहा कि उनके फिर से प्रधानमंत्री बनने के बाद देश के सभी संत मिलकर रामचरित मानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित कराएंगे. संतों की ओर से दबाव बनाया जाएगा कि वह सदन में इसके लिए बिल लेकर आएं.

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