May 22, 2024

एसपी समेत कई अधिकारी निलंबित, पुलिसकर्मियों का होगा नार्को टेस्ट

लखनऊ।  हाथरस मामले के बाद देशभर में आए उबाल के बाद शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि अपराधियों का समूल नाश सुनिश्चित है. इसके कुछ ही देर बाद हाथरस जिले के एसपी और डिप्टी एसपी समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर मौजूदा एसपी विक्रांत वीर, डीएसपी राम शब्द और इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा समेत कई पुलिस कर्मियों के खिलाफ सस्पेंशन की कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही वादी-प्रतिवादी प्रशासन सभी लोगों के नार्को पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराए जाएंगे.

हाथरस कांड को विपक्ष के साथ-साथ बीजेपी संगठन और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नाराजगी के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हाथरस के एसपी विक्रांत वीर, सीओ सहित पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. हालांकि, अभी जिलाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की बात शासन की तरफ से स्पष्ट नहीं की गई है. इसके साथ ही वादी प्रतिवादी सहित सभी लोगों के नार्को पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराए जाने के आदेश शासन की तरफ से दिए गए हैं. वहीं, एसपी शामली विनीत जायसवाल को एसपी हाथरस के पद पर तैनात किया गया है.


हाथरस घटना के बाद विपक्ष के साथ-साथ बीजेपी के अंदर से भी तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे थे और कार्रवाई की मांग की जा रही थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी की गठित कमेटी से प्राथमिक रिपोर्ट मांगी और देर शाम उन्हें निलंबित करने का निर्देश दिया गया.

शासन के सूत्रों के मुताबिक, जिलाधिकारी प्रवीण कुमार को निलंबित नहीं किया गया है. उन्हें उनके पद से हटाने की कार्रवाई की जा सकती है. फिलहाल शासन से मिली जानकारी के अनुसार, अब तक एसपी हाथरस डिप्टी एसपी इंस्पेक्टर दो दरोगा सहित अन्य पुलिसकर्मियों को मिलाकर कुल पांच लोगों को सस्पेंड किया गया है.

निलंबित किए गए लोगों में एसपी विक्रांत वीर, सीओ रामशब्द, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा सब इंस्पेक्टर जगबीर सिंह व हेड कांस्टेबल महेश पाल शामिल हैं.

शासन के एक अधिकारी ने फोन पर बताया कि अभी जिलाधिकारी का सस्पेंशन नहीं हुआ है. इसमें उन्हें हटाए जाने को लेकर आगे फैसला लिया जा सकता है. फिलहाल पुलिस अधीक्षक सहित अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित किए जाने की कार्रवाई की गई है. शासन से मिली जानकारी के अनुसार सभी संबंधित पुलिस अधिकारियों और अन्य संबंधित लोगों के नारको टेस्ट भी कराए जाएंगे, जिससे घटना के बारे में स्पष्ट जानकारी आगे मिल सके.

योगी सरकार की इस कार्रवाई पर प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि योगी जी कुछ मोहरों को सस्पेंड करने से क्या होगा? हाथरस की पीड़िता, उसके परिवार को भीषण कष्ट किसके ऑर्डर पर दिया गया? हाथरस के डीएम, एसपी के फोन रिकार्ड्स सार्वजनिक किए जाएं, मुख्यमंत्री अपनी जिम्मेदारी से हटने की कोशिश न करें. देश देख रहा है. योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दो.  

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