May 5, 2024

छत्तीसगढ़ में उद्योगों ने पकड़ी रफ्तार, 258 इकाइयों में 550 करोड़ का निवेश

रायपुर।  देश भर में लॉकडाउन के बाद अब अनलॉक की प्रक्रिया जारी है. ऐसा ही कुछ छत्तीसगढ़ में भी हो रहा है।  धीरे-धीरे ही सही लेकिन अब सूबे में औद्योगिक गतिविधियों ने भी रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है।  इसके साथ ही रोजगार के अवसर भी तेजी से सामने आ रहे हैं।  जानकारी के अनुसार राज्य की 80 प्रतिशत औद्योगिक इकाइयां सक्रिय हो चुकी हैं।  वहीं सरकार और उद्योग भी कोविड से बचाव के मापदंडों का पालन करते हुए डेढ़ लाख से ज्‍यादा लोगों को रोजगार उपलब्‍ध करवा रहे हैं। 


कोरोना महामारी के शुरू होने के साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशों का पालन करते हुए उद्योगों को संचालित करने के लिए रणनीति तैयार की गई थी. इस दौरान सभी जरूरी सावधानियों के साथ प्रदेश के उद्योगों में उत्पादन होता रहा है. अब अनलॉक में उद्योगों को रियायतें कुछ ज्यादा मिल गई हैं जिससे उत्पादन भी बढ़ रहा है. मार्च से जून 2020 के बीच 258 नई आद्यौगिक इकाइयों में करीब 550 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है. साथ ही 3360 व्यक्तियों को रोजगार मिला है। 


लॉकडाउन के दौरान राज्य में लौह इस्पात उद्योगों ने 27 लाख मीट्रिक टन लोहे का उत्पादन किया. साथ ही मेडिकल सामग्री के निर्माण और खाद्य आधारित इकाइयों का संचालन सुनिश्चित करवाया गया. राज्य सरकार ने तुरंत निर्णय लेते हुए सेनेटाइजर उत्पादन के लिए डिस्टलरीज को लाइसेंस दिए और पैकिंग सामग्री की सुविधा भी दी। 


इस दौरान बैंकों के माध्यम से दो हजार लघु और सूक्ष्म इकाइयों को करीब 36 करोड़ रुपये का लो दिया गया. वहीं राज्य सरकार ने 848 औद्योगिक इकाईयों को 103 करोड़ रुपये का अनुदान वितरित किया गया. राज्य की 282 औद्योगिक इकाइयों को स्टाम्प शुल्क से छूट दी गई. इसी तरह राज्य सरकार द्वारा 101 स्थानों पर फूडपार्क के लिए 1300 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई तथा 15 स्थानों पर 200 हेक्टेयर भूमि का हस्तांतरित की गई, जहां काम भी शुरू हो गया है। 


गौरतलब है कि लॉकडाउन के खत्म होने के साथ ही अन्य राज्यों की अपेक्षा छत्तीसगढ़ में सबसे पहले औद्योगिक इकाइयां शुरू की गईं. प्रदेश में बड़े उद्योग लॉकडाउन के दौरान भी कम क्षमता के साथ संचालित हो रहे थे. चाहे भिलाई इस्पात संयंत्र हो या फिर बाल्को या एसईसीएल हो, खदानें भी कम उत्पादन क्षमता के साथ संचालित हो रही थीं. मार्च के अंत में जो औद्योगिक इकाईयां बंद हो गई थी, वे 23 अप्रैल से संचालित होना शुरू हो गई। 

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