May 6, 2024

आरक्षण विधेयक अनंत काल तक अपने पास रखें राज्यपाल’: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री ने कहा, भाजपा और राजभवन की ओर से जानबूझकर अटकाया जा रहा आरक्षण विधेयक

रायपुर| प्रदेश में हर दिन आरक्षण पर राजभवन और राज्य सरकार के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर राजभवन के विधिक सलाहकार और प्रदेश के राज्यपाल को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा और राजभवन की ओर से जानबूझकर आरक्षण विधेयक अटका रहे हैं। इससे प्रदेश के युवाओं, सामाजिक वर्गों का नुकसान हो रहा है। उन्होंने बेमेतरा में भेंट मुलाकात कार्यक्रम में रवाना होने से पहले मीडिया से इस मसले पर बात की।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- अब तक आरक्षण विधेयक राजभवन से हस्ताक्षर के बाद हमारे पास नहीं आया है। अब राज्यपाल के पास तीन विकल्प हैं… या तो वो विधेयक वापस करें यदि संतुष्ट नहीं हैं तो, दूसरा कि राष्ट्रपति को भेज दें, या फिर अनंतकाल तक अपने पास रखें, जब तक वो राज्यपाल है तब रख सकती हैं अपने पास। हमसे जो सवाल पूछे गए थे हम जवाब दे चुके हैं जबकि वो संवैधानिक नहीं था। भूपेश बघेल ने कहा- राज्यपाल को संतुष्ट नहीं होना है जो उनको जवाब देना था, जानकारी देनी थी दे दिया गया। अब संतुष्ट होना ही नहीं है, तो क्या करें, अब हो सकता है कि दूसरे सवाल पूछेंगे मतलब उनको वापस करना नहीं है , राष्ट्रपति को भेजना नहीं है, प्रश्न पूछने का बहाना है ताकि लोगों को बता सकें कि हमने सवाल पूछा है, पूछ लें मैं फिर जवाब दूंगा। मेरा सवाल भाजपा के लोगों से भी है कि राज्यपाल को विधेयक पर हस्ताक्षर करने कब कहेंगे।
आरक्षण के मसले पर बोलते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा- भाजपा जनता के बीच विलन नहीं बनना चाहती थी। लेकिन पीछे के दरवाजे से राजभवन के माध्यम से आरक्षण विधेयक को रोक रही है, भाजपा कभी प्रदेश के लोगों का हित चाहती। न आदिवासी न किसान, न बच्चों, न महिलाओं न मजदूरों किसी का नहीं। 15 साल में हमने देखा है। सारे सार्वजनिक उपक्रम बेच रहे हैं, उन जगहों पर कर्मचारी की जरुरत पड़ती आरक्षण का लाभ मिलता, मगर सब प्राइवेट कर रहे हैं। भाजपा आरक्षण खत्म करने का खेल चला रही है। ये लगातार तीसरा दिन है जब प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजभवन के विधिक सलाहकार को भाजपा से जुड़ा बता दिया। अपने बयान में उन्होंने कहा आरक्षण विधेयक विधानसभा में सभी दल के लोगों की सहमति से पास हुआ है, इससे बड़ा और क्या होगा, कोई दिक्कत कोर्ट आएगी तो हम लड़ने को तैयार हैं और कोर्ट की वजह से ही तो क्वांटिफायबल डाटा आयोग बनाया और उसके आधार पर आरक्षण लागू करने विधेयक आया। इसके बाद किसी को शक नहीं हो चाहिए, मगर विधिक सलाहकार को शक होने लगा, जो एकात्म परिसर भाजपा के कार्यालय में बैठता है, उसको विश्वास नहीं है, सवाल उठा रहे मतलब डीले करना चाह रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा- मैं भेंट मुलाकात में गया था एक लड़की ने कॉलेज एडमिशन के बारे मंे पूछा, मैंने उसे बताया कि आरक्षण विधेयक हमनें तो पास कर दिया है। अब बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। भर्तियां रुकी हैं और इनको भाजपा के दबाव में राजनीति सूझी है। राज्यपाल खुद को आदिवासी समाज की हितैषी बताती हैं, आदिवासी मिलने गए तो राज्यपाल उनसे मिल तो लेतीं कम से कम। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईडी के अधिकारी जो लोगों से मारपीट कर रहे हैं, उनके बारे में पत्र भारत सरकार को लिखा है, हमारे सचिव मनोज पिंगुआ ने भारत सरकार के सचिव को पत्र भेजा है। ईडी के लोग गवाही के नाम पर लोगों को बुलाते हैं, उनसे मारपीट करते हैं । लोगों ने शिकायत की है उसकी कॉपी के साथ सरकार को पत्र भेजा है। ईडी को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि भ्रष्टचार है और आपके पास सबूत है तो मारपीट क्यों कर रहे हैं। किसी का पैर तोड़ रहे हैं,किसी को मुर्गा बना रहे हैं, रात भर बैठा रहे हैं, किसी को इतना मारे हैं कि सुनाई नहीं दे रहा है। ये सब इसलिए क्योंकि आप जबरन किसी को टारगेट करके किसी के खिलाफ बयान दिलाना चाहते हैं । साक्ष्य हैं तो हमने तो सहयोग किया है फोर्स दी है। जांच करें ठीक है लेकिन प्रताड़ित करना अनुचित बात है, इसलिए पत्र लिखा है ।

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