May 6, 2024

CG : महिला टीचर को JD के नाम पर फर्जी प्रमोशन का आदेश, खुलासा होने पर सस्पेंड

बलरामपुर। संयुक्त संचालक (JD) शिक्षा सरगुजा संभाग के नाम से फर्जी आदेश निकाल, सहायक शिक्षक एलबी अनिमा खलखो को पदोन्नति (Promotion) और पदांकन (Designation) आदेश जारी करने वाले बलरामपुर जिले के रामचन्द्रपुर विकासखंड के नवापारा माध्यमिक शाला में पदस्थ एलबी शिक्षक विशाल दत्त चौबे को संयुक्त संचालक शिक्षा हेमंत उपाध्याय ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इस फर्जीवाड़े का खुलासा पदोन्नति आदेश हासिल करने वाली शिक्षिका से पूछताछ के बाद हो सका.

बलरामपुर जिले के प्राथमिक शाला ओबरी में पदस्थ शिक्षिका एलबी अनिमा खलखो को पदोन्नत कर माध्यमिक शाला कुन्दरूखाड़ में गणित विषय के शिक्षक एलबी के पद पर पदस्थ किया गया था. उक्त पदांकन आदेश के संशोधन के लिए अनिमा खलखो द्वारा 3 मई 2023 को आवेदन प्रस्तुत किया गया था. संशोधन के लिए दिया गया आवेदन पत्र कार्यालय में लम्बित था और इस अवधि में शिक्षक एलबी विशाल दत्त चौबे ने शिक्षिका अनिमा खलखों से संपर्क कर पदांकन संस्था में संशोधन करा देने का झूठा आश्वासन दिया और फर्जी आदेश निर्मित कर पदांकन संस्था में परिवर्तन कर शिक्षिका को प्रदान किया.

फर्जी आदेश इस कार्यालय द्वारा जारी नहीं किया गया है
यह फर्जी आदेश लेकर जब शिक्षिका अनिमा खलखो बीईओ कार्यालय बलरामपुर में कार्यभार ग्रहण करने उपस्थित हुईं तो प्रभारी लिपिक द्वारा उक्त फर्जी आदेश में नाम व विषय गणित के स्थान पर विज्ञान अंकित होने से कार्यभार ग्रहण नहीं कराया गया. आदेश में नाम व विषय में संशोधन के लिए संयुक्त संचालक (Joint Director Education) के कार्यालय में फर्जी आदेश को प्रस्तुत किया गया. जिसके परीक्षण उपरांत पाया गया कि उक्त फर्जी आदेश इस कार्यालय द्वारा जारी नहीं किया गया है और उसमें हस्ताक्षर भी संयुक्त संचालक शिक्षा सरगुजा संभाग के नहीं है.

शिक्षिका को नोटिस से आरोपी का चला पता
संयुक्त संचालक शिक्षा हेमंत उपाध्याय ने कहा कि संशोधन पदांकन आदेश के फर्जी होने के खुलासे के बाद संबंधित शिक्षिका अनिमा खलखो को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इस नोटिस के जवाब में अनिमा खलखो ने बताया कि उक्त आदेश जो जांच में फर्जी पाया गया है उसे शिक्षक एलबी विशाल दत्त चौबे ने प्रदान किया था. जिससे विशाल दत्त चौबे प्रथम दृष्टया फर्जी ढ़ंग से इस कार्यालय के नाम पर कुटरचित आदेश निर्मित करने के दोषी पाए गए और इसी आधार पर उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई.

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