May 20, 2024

CG – डायरिया का खौफ : इतने मरीज की अस्पताल में जगह कम पड़ गई; 13 गांवों में फैला संक्रमण, रस्सी से बांधकर चढ़ा रहे ग्लूकोज

बीजापुर। छत्तीसगढ़ में बीजापुर जिले के 13 गांवों में उल्टी-दस्त का प्रकोप फैल गया है। दो दिनों में ही इन गांवों में 300 से ज्यादा मरीज मिले हैं। यह सभी इलाज कराने के लिए अस्पताल पहुंचे तो वहां जगह कम पड़ गई। इसके बाद मरीजों को पास के ही बालक आश्रम में जमीन पर लिटाकर उपचार शुरू किया गया है। खास बात यह है कि मरीजों को ग्लूकोज चढ़ाने के लिए डंडों के सहारे रस्सी बांधकर बोतल लटकाई गई है। वहीं कुछ गंभीर मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुटरू रेफर किया गया है।

एक साथ 300 मरीज पहुंचे उपचार कराने
भैरमगढ़ ब्लॉक सागमेटा, कुपरेल, छोटे आलवाड़ा, मुचलेर, मंडेम, एड्सगुण्डी कुरलापल्ली और फरसेगढ़ सहित 13 गांव उल्टी-दस्त की चपेट में हैं। यहां के सभी बीमार ग्रामीणों का उपचार फरसेगढ़ उप स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है। दो दिनों बुधवार और गुरुवार को करीब 300 मरीज अस्पताल पहुंच गए। इतने मरीजों को एक साथ देखकर अस्पताल प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए। इन मरीजों को भर्ती करने के लिए अस्पताल में जगह ही नहीं थी। ऐसे में सभी मरीजों को पास ही स्थित बालक आश्रम भवन में ले जाया गया।

नए अस्पताल भवन में न बिजली, न पानी
आश्रम में इतनी संख्या में बेड नहीं उपलब्ध होने के कारण मरीजों को जमीन पर लिटाया गया। उनके आसपास डंडे लगाए गए और उनमें तार व रस्सी बांधी गई। इसी में ग्लूकोज और अन्य दवाइयों की ड्रिप लटकाकर मरीजों को लगाई गई है। यहां पर डॉक्टर निखलेश नंद , ब्लाक मेडिकल ऑफिसर रमेश तिग्गा और डॉक्टर पीएन त्रिपाठी की टीम उनका उपचार कर रही है। बताया गया है कि स्वास्थ्य केंद्र भवन छोटा है। वहीं बगल में बने नए भवन मं अभी बिजली-पानी की व्यवस्था नहीं हो सकी है।

गर्मी के चलते लोगों में पानी की कमी
फरसेगढ़ सब हेल्थ सेंटर के प्रभारी डॉक्टर निखलेश नंद ने बताया कि कुछ दिनों से फरसेगढ़ और आसपास के 13 से 14 गांवों के ग्रामीणों में उल्टी-दस्त का संक्रमण फैला है। कुछ मरीजों को कुटरू पीएचसी रेफर किया गया हैं। कहा कि, ज्यादा गर्मी पड़ने से ग्रामीणों के शरीर में पानी की कमी के चलते उन्हें उल्टी-दस्त होने लगा था। मरीजों को यहां ड्रीप लगाकर दवाइयां दी जा रही हैं। स्थिति नियंत्रण में हैं। ग्रामीणों का बुखार, हाई ब्लड प्रेशर, मलेरिया, शुगर, शारीरिक कमजोरी की भी जांच कर दवाइयां दी जा रही हैं।

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