May 15, 2024

कोरोना की मार से ठप्प हुआ कारोबार : जूते चमकाने वालों की कब चमकेगी किस्मत, हज़ारों शू-मेकर चिंतित

रायुपर। छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस की वजह से सारा कारोबर ठप है।  ऐसे में छोटे-बड़े व्यापारियों के सामने आर्थिक संकट की समस्या खड़ी हो गई है।  इन सब के बीच एक वर्ग ऐसा भी है जो रोज कमाने और खाने वाला है।  लॉकडाउन के कारण 1 महीने के बाद मोचियों (शू-मेकरों) ने अपनी दुकान तो खोली लेकिन इनकी दुकान पर न तो कोई ग्राहक आ रहा है और न ही इनकी कोई आय हो रही है। ऐसे में लोगों के जूते चमकाने वाले इन लोगों की किस्मत कब चमकेगी इसका इंतज़ार इन सभी को हैं। 


एक महीने के लॉकडाउन के दौरान इन मोचियों (शू-मेकरों) को अपना परिवार चलाना भी मुश्किल हो गया था।  जैसे-तैसे करके इन्होंने 1 महीने का समय काट लिया।  अब प्रशासन की अनुमति मिलने के बाद राजधानी के इन शू-मेकरों ने अपना कारोबार शुरू कर दिया है।  इनका कहना है कि लॉकडाउन के पहले इनका कारोबार ठीक था, लेकिन लॉकडाउन के कारण अब सब चौपट हो गया है। शासन प्रशासन द्वारा निर्धारित तीन घंटे बैठने के बाद  भी कोई कमाई नहीं हो रही हैं। 
अपनी बची हुई जमा पूंजी के सहारे इन मोचियों (शू-मेकरों) ने अपना परिवार चलाया।  प्रशासन से दुकान खोलने की मिली अनुमति के बाद सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक दुकानें खोली जा सकती हैं।  प्रशासन के फैसले से इन जूते बनाने वालों को थोड़ी बहुत राहत मिली है। 


शास्त्री चौक पर बैठने वाले शू-मेकर अंजोर दास बताते हैं कि लॉकडाउन के पहले वे ये काम सुबह से रात तक किया करते थे।  लेकिन अब दिन भर में इन्हें महज तीन घंटे का समय ही अपनी दुकान खोलने के लिए दिया गया है जो नाकाफी है।  ऐसे में 100-50 जो मिल जाए वो इनके लिए काफी है।  बता दें कि राजधानी में छोटे-बड़े मिलाकर लगभग 5 हजार लोग हैं जो इस व्यवसाय से सीधे जुड़े हुए हैं।  इसके अलावा पुरे प्रदेश में हज़ारों की संख्या में ये हैं जिनका जीवन यापन का यही एकमात्र साधन हैं। सब के सब बेहद चिंतित हैं। 

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