May 18, 2024

खरोरा में बूढ़ादेव की हुई पूजा, ग्रामीणों ने कहा “अपने देव को पूजने जरूर जायेंगे रायपुर”

फटाखे-फोड़े जा रहे, धूप-अगरबत्तियां जल रही है, गांवों में पहले जैसा नवरात्रि वाला माहौल है : अमित बघेल

खरोरा , केसला , तिल्दाडिह, बिठिया, असोंदा, तुलसी, पिकरीडिह , मुड़पार, नवागांव, बेलदार सिवनी , बुड़ेनी, बुड़गहन भड़हा , सुंदरा, बुड़ेरा से होकर गुजरी बूढ़ादेव रथ जगह-जगह ग्रामवासियों ने किया पूजा-अर्चना

खरोरा रायपुर| रविवार को खरोरा नगर से बूढ़ादेव यात्रा की शुरुआत हुई, शाम 5 बजे बूढ़ादेव रथ महामाई मंदिर बस्ती पारा पहुंची, जहां छत्तीसगढ़ी रीति रिवाज से एक कलसा पानी रास्ते में डाल कर भगवान को नगर में आमंत्रित किया गया। इस दौरान नगर वासियों ने बूढ़ादेव की पूजा अर्चना की, खरोरा खड़ के ग्रामों के ग्रामवासियों ने बूढ़ादेव रथ में चांवल व नारियल चढ़ा कर विदा किया।  1 अप्रैल को शाम 4 बजे जब बुढ़ादेव रथ बुड़ेरा पहुँचीं तब ग्राम प्रमुखों ने भव्य स्वागत किया, समस्त घरों के दुवारी में महिलाओं एवम युवतियों ने चौका पुरकर आरती किया, ग्राम प्रमुखों ने गांव के देवता को मना कर मिट्टी लेने की अनुमति ली फिर रथ के कलश में मिट्टी डाला गया।

छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के प्रदेशाध्यक्ष अमित बघेल ने कहा कि पूरे छत्तीसगढ़ के हर जिलों में देवालयों से एक चुटकी मिट्टी लेने का कार्य प्रारंभ हो चुका है। नवरात्रि शुरू होने से पहले ही नवरात्रि जैसा माहौल लग रहा है। जहां-जहां रथ पहुंच रही है। गांव के छत्तीसगढ़िया समाज के लोग अपने कुल देवता का पूरा सम्मान कर रहे हैं। छत्तीसगढ़िया समाज के लोग बूढ़ादेव रथयात्रा को आगे बढ़ाते हुए गौरान्वित महसूस कर रहे हैं। यह पूरे छत्तीसगढ़ को गौरव करने वाली बात है। अब छत्तीसगढ़ को हमारे देवता बूढ़ादेव के नाम से जाना जाएगा। 18 अप्रैल को रायपुर में भव्य आयोजन के बीच देवता को बूढ़ा तालाब लाएंगे। इस दौरान लाखों छत्तीसगढ़िया समाज के लोग साक्षी बनेंगे।

गांव की शक्तियों को लेकर आगे बढ़ रहे, बूढ़ादेव ही सर्व छत्तीसगढ़िया समाज को एक करेंगे छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के खरोरा खड़ अध्यक्ष राहुल वर्मा ने बताया कि गांव के डीही-डोंगर, गांव के पुरखा देवता, शीतला माता, बूढ़ादेव के मंदिरों से पवित्र माटी की शक्तियों को लेकर रथ आगे बढ़ रही है। रथ के साथ ही अन्य-अन्य जातियों में बंटे छत्तीसगढ़िया समाज के लोगों को एक होने का संदेश दिया जा रहा। बूढ़ादेव के आशीर्वाद से बहुत जल्द छत्तीसगढ़िया समाज के लोगों की सिर्फ एक ही जाती होगी। और वो जाती होगी छत्तीसगढ़िया। छत्तीसगढ़िया समाज के लोगों के एक होते ही चौंक-चौराहों, हमारे धरोहरों से देवताओं के नाम बदलने की राजनीति खत्म हो जाएगी।

15 गांव की यात्रा पूरी हो चुकी है, 63 गांव अभी बचे हैं खरोरा खड़ क्रान्ति सेना के उपाध्यक्ष प्रियंकर सेन ने बताया की 6 दिनों में 15  गांव की यात्रा पूरी हो चुकी है। देर रात तक लगातार सफर जारी है। गांव के ग्रामीणों के द्वारा ही भोजन और रहने की व्यवस्था की जा रही है। रात में गांव में ही रथ को रखा जाता है। रथ की सुरक्षा के लिए जिस गांव में रुकते हैं उस गांव के पदाधिकारी रात जाग कर पहरा देते है। इसके बाद रथ आगे बढ़ जाती है। अभी 63 गांव का भ्रमण करना बचा हुआ है। रथ यात्रा में खरोरा खड़  संयोजक गजेंद्र रथ वर्मा,  महामंत्री रामशरण साहू, सचिव अशोक वर्मा , सह सचिव नीलकंठ नायक , योगेश साहु, प्रमोद कुंभकार शामिल हैं।

मुख्य खबरे

error: Content is protected !!
Exit mobile version