April 29, 2024

5 मौतों ने डराया… क्या है पैरेट फीवर, जिसने यूरोप में मचाया कहर, यह कितना जानलेवा?

नईदिल्ली। यूरोप में पैरेट फीवर से हुई मौतों ने डरा दिया है. अब तक इससे 5 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन इसके बढ़ते मामलों ने टेंशन बढ़ा दी है.विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसकी पुष्टि है. पैरेट फीवर को सिटाकोसिस भी कहते हैं, जिसने यूरोपीय देशों के लोगों को बुरी तरह से प्रभावित किया है. यहां इसकी शुरुआत 2023 में हुर्ह थी. कई लोगों में संक्रमण फैला और अब तक 5 लोगों ने इस बीमारी के कारण दम तोड़ दिया है.

सीएनन की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल जर्मनी में 14 और ऑस्ट्रिया में इसे 14 मामले सामने आए थे. इस साल ऑस्ट्रिया में मार्च में 4 केस रिकॉर्ड किए गए. वहीं डेनमार्क में इस साल फरवरी तक 23 मामलों की पुष्टि हुई. नीदरलैंड में भी 21 मामले सामने आ चुके हैं. जानिए क्या है पैरेट फीवर, यह कैसे फैलता है और कितना खतरनाक है.

क्या है पैरेट फीवर, कैसे फैलता है?
पैरेट फीवर एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो क्लेमायडिया फैमिली की बैक्टीरिया के संक्रमण से फैलता है. यह बैक्टीरिया तोता समेत कई पक्षियों में पहुंचकर उन्हें संक्रमित करता है और पक्षियों के जरिए इंसानों को संक्रमित करता है. खास बात है कि संक्रमित पक्षी में बीमारी का असर नहीं दिखता है.

अमेरिका की हेल्थ एजेंसी सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, जब इंसान संक्रमित पक्षी या उसके मल के संपर्क में आता है तो संक्रमण फैलता है. संक्रमित पक्षी जिस जगह पर सांस भी छोड़ते हैं वहां पर इंसान मौजूद है तो भी संक्रमण फैल सकता है. हालांकि, किसी संक्रमित पक्षी को खाने पर यह बीमारी नहीं फैलती.

एजेंसी का कहना है कि एक इंसान से दूसरे इंसान में इस बीमारी का फैलना संभव है, लेकिन अध्ययन बताते हैं कि इसके मामले दुर्लभ होते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इसके ज्यादातर मामले घर में पलने वाले संक्रमित पक्षियों से सामने आए हैं.

किन्हें ज्यादा खतरा?
यह एक जूनोटिक डिजीज है, यानी यह पहले पक्षियों में फैलती है और इंसानों को भी संक्रमित कर सकती है. विशेषज्ञ कहते हैं, पक्षियों के पंखों से भी यह बीमारी फैल सकती है. इसलिए अलर्ट होने की जरूरत है. इस बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों को है जो पक्षियों के व्यापार से जुड़े हैं, इन्हें पाल रखा है. इसके अलावा पॉल्ट्री वर्कर, जानवरों के विशेषज्ञ और मालियों को भी खतरा ज्यादा है.

लक्षण जो बीमारी का इशारा करते हैं, यह फीवर कितना जानलेवा?
पैरेट फीवर का संक्रमण होने के बाद अगले 5 से 14 दिनों में लक्षण नजर जाने लगते हैं. संक्रमण होने पर कई लक्षण दिखते हैं. जैसे- सिरदर्द होना, मांसपेशियों में दर्द रहना, सूखी खांसी, बुखार और कंपकंपी महसूस होना. एंटीबायोटिक्स की मदद से इस बीमारी का इलाज किया जाता है. हालांकि, मौत होने के मामले दुर्लभ होते हैं.

इस फीवर से कैसे बचें?
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है, जिन देशों में इसका संक्रमण फैल रहा है वहां इसके मामलों पर लगातार नजर रखने की जरूरत है. ऐसे देशों में WHO पक्षियों को पालने वाले लोगों को अलर्ट कर रहा है. उन्हें साफ-सफाई का ध्यान रखने का कहा है. जिन लोगों ने पक्षियों को पाल रखा है वो इन्हें साफ पिंजड़ों में ही रखें. इन्हें भीड़भाड़ वाली जगहों पर रखने से बचें.

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