May 2, 2024

हाईकोर्ट ने कहा – दूसरे राज्यों की महिलाओं को शादी के बाद नहीं मिलेगा नौकरी में आरक्षण का लाभ

जयपुर।  राजस्थान हाईकोर्ट ने एक याचिका को लेकर आदेश दिया है कि राजस्थान से दूसरे राज्य महिला जिसकी शादी राजस्थान में होने पर उसे जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने का हक है, लेकिन उसे नौकरी में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जायेगा. वरिष्ठ न्यायाधीश विजय विश्नोई की अदालत ने मनीषा देवी की याचिका पर यह आदेश दिया है।  

याचिकाकर्ता मनीषा देवी मूलत: हरियाणा की निवासी हैं, लेकिन उनका विवाह राजस्थान के भादरा हनुमानगढ़ निवासी बलवन्त कुमार के साथ हुआ. हरियाणा में याचिकाकर्ता का सैनी जाति का ओबीसी प्रमाण पत्र बना हुआ था. विवाह के बाद उसने राजस्थान में भादरा हनुमानगढ़ के एसडीएम के समक्ष जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन पेश किया, लेकिन एसडीएम द्वारा ओबीसी जाति का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया.

इस पर याचिकाकर्ता ने अपने अधिवक्ता के जरिए हाईकोर्ट में याचिका पेश की. हाईकोर्ट के दोनों पक्षों की ओर से सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के पूर्व के निर्णयों को दृष्टान्त में रखते हुए पक्ष रखा. एसडीएम भादरा की ओर से अधिवक्ता हर्षित भुरानी ने पक्ष रखा. सभी पक्षों को सुनने के बाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विजय विश्नोई ने याचिकाकर्ता की याचिका को स्वीकार करते हुए आदेश दिया कि उसे ओबीसी जाति का प्रमाण पत्र जारी किया जाए.

हाईकोर्ट ने कहा कि राजस्थान के बाहर से प्रवासी महिला जिसका विवाह राजस्थान में हुआ है, उसे जाति प्रमाण प्राप्त करने का अधिकार है. ऐसी माइग्रेट महिलाओं को एससी-एसटी या ओबीसी का प्रमाण पत्र जारी किया जाए, लेकिन नौकरी में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. अन्य सुविधाओं में जाति प्रमाण पत्र का उपयोग हो सकता है. 

error: Content is protected !!
Exit mobile version