May 21, 2024

CG : गुम इंसानों की संख्या तेजी से बढ़ रही; ढूंढने में पुलिस बनी चक्कर घिन्नी, जानें क्या है घर छोड़ने की वजह

रायपुर। छत्तीसगढ़ से चौंकाने वाली खबर है. राज्य में गुम इंसानों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है. प्रदेश में 33 महीने में 48 हजार 675 लोग लापता हो गए थे. इनमें से 37 हजार 813 को पुलिस ने ढूंढ निकाला. इसके बाद अब 10 हजार 862 लोग अभी भी लापता हैं. राज्य की पुलिस इन गुम हुए लोगों को तलाशने में लगी है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 1 अप्रेल 2021 से 31 दिसंबर 2023 तक रायपुर जिले से 7337 लोग लापता हो गए. इनमें से 5602 लोगों को पुलिस ने बरामद किया. यहां अभी भी 1735 लोग लापता हैं. दुर्ग पुलिस 1212 लोंगो का पता नहीं लगा पाई है. इसी तरह रेलवे पुलिस भी 58 लोगों को खोज नहीं पाई है. साल 2024 में 504 बच्चों को अभियान चलाकर तलाश लिया गया.

राज्य में बच्चे, अधेड़ और बुजुर्ग अलग-अलग कारणों से अचानक लापता हो गए हैं. इस मामले की गूंज विधानसभा में भी सुनाई दी. गुम लोगों को तलाश करने के लिए पुलिस बाकायदा ऑपरेशन मुस्कान चलाती है. विभाग से प्राप्त जानकारी के बिलासपुर पुलिस 1,397 लोगों को तलाश नहीं कर सकी है. आकड़ों की तुलना में रेल रायपुर, कोरिया, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, मोहला मानपुर, और नारायणपुर में पदस्थ पुलिस ने अच्छा काम किया है. यहां लापता लोगों के आंकड़े कम हैं. दूसरी ओर, पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया है कि कई लोग नाराजगी की वजह से घर छोड़ कर चले जाते हैं. अधिकांश बच्चे भी घर से भाग जाते हैं. लोगों के घर से भागने की मुख्य वजह पारिवारिक कलह है.

मानव तस्करों पर रखनी होगी नजर
15 दिन पहले ही राजधानी रायपुर में मासूम को बेचने का मामला प्रकाश में आया था. ऐसे मानव तस्कर रायगढ़ जशपुर कोरिया सुदूर वनांचल क्षेत्र में पहले सक्रिय हुए थे. मानव तस्करी के मामले में कई लोगों को सजा भी हो चुकी है. कामकाजी महिला और बच्चों को दूसरे राज्य में ले जाकर बंधक बनाने और बेचने के भी मामले सामने आए हैं. पुलिस और लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है. रायपुर एसपी संतोष कुमार का कहना है कि अभियान चलाकर गुम बच्चे या लापता लोगों की तलाश की जाती है. कई मामलों में पुलिस के हाथ खाली है. लापता लोगों को खोजा जा रहा है. बच्चों के मामले में कोर्ट के निर्देश हैं इसलिए अपहरण की धाराएं लगती हैं. उसे खत्म नहीं किया जा सकता.

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