April 29, 2024

अय्याशी की पाठशाला : सरकारी स्कूलों में ये कैसा ‘गंदा खेल’!,हेडमास्टर की गंदी हरकतें आईं सामने

रायपुर। वो कभी स्कूल की लड़कियों को अपने कमरे में बुलाता, कभी पढ़ाने के बहाने उनके करीब जाता, कभी क्लासरूम में तो कभी प्ले ग्राउंड में वो स्कूल की छात्राओं के साथ लंबे समय से बदसलूकियां कर रहा था। वो उन्हें गंदी तरह से छूता था, उनके जिस्म के साथ खेलता था। सरकारी स्कूल के हेड मास्टर ने टीचर के पेशे को ही बदनाम कर डाला। स्कूल को ही बना दिया अपनी अय्याशी का अड्डा।

कानपुर के सरकारी स्कूल की डर्टी पिक्चर

कानपुर की में 16 लड़कियां इस हेड मास्टर की गलत हरकतों को झेल रही थीं। ये बच्चियां बेहद छोटी उम्र की हैं, लेकिन इस बात से इसको कोई फर्क नहीं पड़ता। छोटी-छोटी लड़कियों के साथ ये यौन शोषण करता रहा और इसे लगा कि इसकी काली करतूत कभी सामने नहीं आएंगी, लेकिन ऐसा नहीं था। छात्राओं ने आखिरकार परेशान होकर अपने परिवार वालों को बताया और फिर परिवार वालों ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करवाई।

हेडमास्टर उठा रहा था छात्राओं का फायदा

16 छात्राओं ने लिखा कि कैसे स्कूल में उनका हेड मास्टर अलग तरह से उन्हें छूने की कोशिश करता है। बंद कमरे में उनका यौन शोषण किया जाता है। इस शिकायत के बाद जांच शुरू हुई। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की एक सदस्य प्रीति भारद्वाज स्कूल में पहुंची। छात्राओं के अलग-अलग बयान लिए गए। इन बच्चियों ने अपना दर्द खुलकर बयां किया। कैसे ये मजबूर थी पढ़ाई के नाम पर यौन शोषण झेलने के लिए। कैसे हेड मास्टर को देखकर ये कांपने लगती थी। इन्हें पता था कि इसकी गंदी नीयत उन्हें छोड़ेगी नहीं। प्रीति भारद्वाज ने छात्राओं के सारे आरोप सही पाए। घटना के बाद से ये हेडमास्टर फरार हो गया था।

स्कूल की कुक ने भी दर्ज करवाई है शिकायत

इस हेड मास्टर के खिलाफ स्कूल में खाना बनाने वाली महिला ने भी शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने हेड मास्टर की तलाशी की और सोमवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। मामले में आगे की जांच जारी है, हेडमास्टर को निलंबित कर दिया गया है।

हरियाणा के सरकारी स्कूल में भी छात्राओं का यौन शोषण

अभी पिछले हफ्ते ही हरियाणा का प्रिंसिपल भी स्कूल की छात्राओं के साथ यौन शोषण करता हुआ पाया गया था। जींद जिले के सरकारी स्कूल का ये प्रिंसिपल 142 लड़कियों के साथ गंदी हरकतें करता था और ये सिलसिला काफी सालों से चल रहा था। लड़कियां डर और शर्म के मारे कुछ नहीं बोल पा रही थी और इसका फायदा ये प्रिंसिपल सालों तक उठाता रहा। आखिरकार कुछ लड़कियों ने राष्ट्रपति को खत लिखकर प्रिंसिपल के खिलाफ शिकायत की और तब जाकर इस सरकारी स्कूल की गंदी हकीकत सबके सामने आई।

ऐसी घटनाओं में लड़कियां भुगतती हैं खामियाजा

सरकारी स्कूलों में आमतौर पर गरीब परिवारों की बच्चियां आती हैं, लेकिन इस तरह के मामले में बेहद चिंताजनक है। परिवावा वाले बच्चियों को पढ़ाने के लिए स्कूल भेजते हैं, लेकिन जब ऐसी घटनाएं सामने आती हैं तो कई बार पेरेंट्स बच्चियों का स्कूल जाना छुड़वा देते हैं। उन्हें लगता है कि वो इस तरह के मामलों में शिकायत नहीं कर पाएंगे और इसका खामियाजा भुगतती हैं ये लड़कियां।

error: Content is protected !!
Exit mobile version