May 1, 2024

विंध्यवासिनी मंदिर : माता के दरबार में बिना हाथ से छुए ही बजा सकते है घंटी

धमतरी। छत्तीसगढ़ के धमतरी में स्थित विंध्यवासिनी देवी के मंदिर में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जुगाड़ वाले इंतजाम किए गए हैं। विंध्यवासिनी देवी मंदिर में कोरोनाकाल के दौरान घंटियों को छूने पर पूर्णरूप से पाबंदी लगाई गई हैं, लेकिन यहां मंदिर प्रबंधन के जुगाड़ से अब फिर से घंटी की आवाज गूंजने लगी है। यह संभव हुआ है सेंसर वाली घंटी के कारण।  जी हां, विंध्यवासिनी मंदिर में सेंसर वाली घंटियां लगाई गई हैं, जिसे छूने की जरूरत नहीं पड़ती।  इसके सेंसर के आगे आकर माता के भक्त जैसे ही हाथ हिलाते हैं बस फिर क्या घंटी अपने आप बजने लगती है। 


मंदिर के पुजारी राजेश शर्मा ने बताया कि बिना घंटियों की गूंज के मंदिर सूना-सूना लगता था।  पहले तो कोरोना ने मंदिरों को ही बंद करवा दिया, उस पर से बिना घंटियों की आवाज के और भी कमी खलती थी।  इसलिए यह सेंसर वाली घंटी लगाई गई हैं। लॉकडाउन के दौरान भक्तों को बिना घंटियां बजाए ही लौटना पड़ता था।  इससे उनके मन में कसक रह जाती थी,लेकिन सेंसर वाली घंटियां लग जाने के बाद यह कमी अब पूरी हो गई है। 

सूबे के धमतरी में स्थित प्रसिद्ध विंध्यवासनी मंदिर में कई महीनों के बाद फिर से घंटियों की आवाज गूंजने लगी है।  कोरोना संक्रमण के कारण मंदिर की कई घंटियों को कवर कर के रखा गया है।  भक्तों को मंदिर आने-जाने की तो छूट है, लेकिन घंटियों को छूना मना है. ऐसे में अब यहां ऐसी घंटी लगाई गई है, जिसमें सेंसर लगा है. सेंसर वाली घंटी स्थानीय संस्था ने दान की है. 100 साल में पहली बार घंटियों पर रोक को देखते हुए यह इंतजाम किया गया है. मंदिर के पुजारी राजेश शर्मा ने बताया कि कोरोना की वजह से 100 साल में पहली बार ऐसा हुआ, जब दो दिन मंदिर की घंटियां नहीं बजीं. सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण के दिन कपाट बंद रहे, जिसके बाद यह व्यवस्था की गई।  

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