May 8, 2024

CG : राजधानी सहित कई जिलों में धड़ल्ले से चल रहे फर्जी पैरामेडिकल कालेज, दाव पर हज़ारों छात्रों का भविष्य

रायपुर। छ्त्तीसगढ़ की राजधानी समेत प्रदेशभर में 22 से अधिक निजी पैरामेडिकल कालेजों का संचालन अवैध तरीके से हो रहा है। जहां पर 15,000 से अधिक छात्रों का भविष्य दाव पर लगा हुआ है। वहीं प्रशासन की सह पर अवैध तरीके से संस्थानों का संचालन कर रहे ऐसे कालेज नए सत्र में प्रवेश के लिए तैयार है। मामले में चिकित्सा शिक्षा विभाग से लेकर प्रशासन और पुलिस तक शिकायत हो रही, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हो पाई है। चिकित्सा शिक्षा सचिव का कहना है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में संचालित अवैध पैरामेडिकल संस्थानों के खिलाफ जांच टीम बनाएंगे। शासन स्तर से इनपर कार्रवाई की जाएगी।

चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में किसी भी तरह के मेडिकल कोर्स के लिए पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़, नया रायपुर से मान्यता जरूरी है। प्रदेश में सिर्फ सात निजी पैरामेडिकल कालेजों को आयुष विश्वविद्यालय से मान्यता मिली हुई है। इसके अलावा संचालित सभी निजी पैरामेडिकल कालेज फर्जी हैं। अब प्रदेश में लैब अटेंडेंट, ओटी टेक्नीशियन, ड्रेसर, एक्सरे टेक्नीशियन आदि पैरामेडिकल कोर्स के नाम पर ऐसे संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिन्हें आयुष विश्वविद्यालय की मान्यता ही नहीं है। यह कालेज मध्यप्रदेश समेत अन्य राज्यों के विश्वविद्यालय के मान्यता का दावा कर रहे हैं। यहां विज्ञापन व अन्य माध्यमों से छात्रों को भ्रमित कर उनसे सालाना 60 से एक लाख रुपये तक मोटी फीस लेकर प्रवेश देते हैं। लेकिन यहां ना शिक्षा का ठिकाना है और ना ही परीक्षा व डिग्री का।

मिली जानकारी के अनुसार चिकित्सा शिक्षा विभाग से लेकर प्रशासन व पुलिस के पास अवैध पैरामेडिकल कालेजों के संचालन को लेकर हर साल शिकायतें पहुंच रही है। लेकिन कार्रवाई की बजाय इन्हें संरक्षण दिया जा रहा है। राजधानी के देवपुरी स्थित साईंनाथ पैरामेडिकल कालेज में अप्रैल 2022 में इसी तरह के मामले में सैकड़ों छात्रों ने प्रदर्शन कर हंगामा किया था। उनका आरोप था कि तीन वर्षों से ना परीक्षा लिया गया है और ना ही उन्हें डिप्लोमा डिग्री दी।

जोगी कांग्रेस के युवा मोर्चा अध्यक्ष प्रदीप साहू ने बताया कि प्रदेश में फर्जी तरीके से संचालित पैरामेडिकल कालेजों के खिलाफ राज्यपाल, मुख्यमंत्री से लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग में शिकायत की गई है। इन कालेजों में अध्ययन तो हो ही नहीं रहा है परीक्षाएं तीन वर्षों से परीक्षाएं तक नहीं ली गई है। ऐसे में छात्रों का भी आक्रोश फूटने लगा है। मामले में जोगी कांग्रेस युवा मोर्चा ने राज्यस्तर पर आंदोलन करने की बात कही है।

चिकित्सा शिक्षा संचालक डा. विष्णु दत्त का कहना है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में सात निजी पैरामेडिकल संस्थानों को मान्यता है। अवैध पैरामेडिकल कालेजों के खिलाफ शिकायत मिली है। प्रदेश कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डा. राकेश गुप्ता का कहना है कि पैरामेडिकल कोर्स को लेकर राज्य में पूरा गिरोह चल रहा है। इससे हजारों छात्रों का भविष्य दांव पर है। शासन स्तर पर कार्रवाई की जरूरत है।

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