May 5, 2024

सावधान! 33 लाख किसान मिले हैं फर्जी, वापस कर दें पैसे, वरना…

नई दिल्ली। फर्जी तरीके से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (Pradhan mantri kisan samman Nidhi scheme) का लाभ लेने वालों से केंद्र सरकार ने निपटने का फैसला कर लिया है. ताकि ऐसे फर्जी किसानों से पैसे की वसूली कर असली किसानों तक योजना का लाभ पहुंच सके. इस योजना में 33 लाख फर्जी लाभार्थी मिले हैं और इस मामले पर सख्ती दिखाते हुए कई राज्यों ने ऐसे फर्जी लाभार्थियों पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है. 

कर्नाटक में जहां 2,03,819 लाख फर्जी रजिट्रेशन की पहचान कर एफआईआर दर्ज की गई है तो वहीं, तमिलनाडु में 6 लाख से अधिक फर्जी पंजीकरण हुए हैं. उनसे राज्य सरकार ने 158.57 करोड़ रुपये वसूल किए गए हैं. यहां 16 एफआईआर दर्ज करके अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है और सौ से अधिक गिरफ्तारियां हुई हैं.

वहीं गुजरात के दो जिलों में भी ऐसे ही मामले में एफआईआर दर्ज हुई है. यहां 55 संदिग्ध लोगों की आईडी निष्क्रिय की गई है. इन कार्रवाईयों के बारे में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सदन में जानकारी दी है. 

देश में करीब 33 लाख किसान ऐसे मिले हैं जो पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के पात्र नहीं हैं. फिर भी उन्होंने 2326 करोड़ रुपये का लाभ ले लिया है. इसमें से महज 231 करोड़ रुपये की ही वसूली हो पाई है. यानी अभी भी 2095 करोड़ फंसे हुए हैं. उत्तर प्रदेश सहित 17 राज्यों से एक भी रुपये की रिकवरी नहीं हो पाई है. ऐसे में सरकार ने फिजिकल वेरिफिकेशन तेज करने और वसूली पर जोर देने को कहा है. ताकि इसका पैसा असली किसानों को मिले. पैसा न देने वाले किसानों पर एफआईआर करके वसूली होगी.

केंद्र सरकार की कोशिश है कि सिर्फ असली किसानों को ही 6000 रुपये वाली पीएम किसान सम्मान योजना का फायदा मिले. गलत तरीके से लिया गया पैसा हर हाल में गलत लोगों से वापस लिया जाएगा. सबकुछ साफ-सुथरा हो इसके लिए एक और इंतजाम किया गया है. अब लाभार्थियों की पात्रता (Eligibility) का पता लगाने के लिए 5 फीसदी किसानों (Farmers) का फिजिकल वेरिफिकेशन होगा. कृषि मंत्रालय ने कहा है कि जिला कलेक्टर के नेतृत्व में वेरिफिकेशन की प्रक्रिया होगी.

गलत जानकारी देकर अगर आपने स्कीम का पैसा लिया है तो फिर सावधान हो जाईए. या तो आप 5 फीसदी फिजिकल वेरिफिकेशन (Physical verification) में फंसेंगे या फिर देर सबेर आपके अकाउंट से पैसा वापस ले लिया जाएगा. 

सरकार की कोशिश है कि पैसा पात्र लोगों के हाथों में ही जाए. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक राज्यों से ऐसी कुछ घटनाओं की सूचना प्राप्त हुई है जहां अपात्र किसानों के आवेदनों को अनुमोदित (Approved) करने के लिए ब्लॉक व जिला स्तर के अधिकारियों की पहचान का दुरुपयोग किया गया है. 

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