May 3, 2024

….और अब बिना अनुमति के नहीं बेच सकेंगे श्वान या पक्षी : अपंजीकृत पेट शॉप के विरूद्ध होगी कार्यवाही

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर शहर सहित सूबे के अन्य शहरों में संचालित डाॅग ब्रीडिंग सेंटर व पेट शाप का संचालन अब बिना राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड में पंजीयन कराये नहीं किया जा सकेगा। यदि अपंजीकृत संस्थाओं में पशु पक्षी बेचे जाते पाए गए तो उनके विरूद्ध पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के अंतर्गत सख्त कार्यवाही की जायेगी। सचिव, जीव जंतु कल्याण बोर्ड, भारत सरकार ने प्रदेशों को अपंजीकृत डाग ब्रीडिंग सेंटर व पेट शाप खोलने की अनुमति न देने के संबंध में विभागाध्यक्ष को पत्र लिखा है।

 जिसके तहत सचिव, कृषि विकास ने सभी जिला कलेक्टर को इस संबंध में निर्देश दिया गया है। जारी निर्देश के तहत लाॅकडाउन के बाद अपंजीकृत डाग ब्रीडिंग सेंटर व पेट शाॅप के विरूद्ध पुलिस प्रशासन व पशुधन विकास विभाग का संयुक्त दल कानूनी कार्यवाही की जायेगी।

संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा विभाग ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 अंतर्गत बनाए गये डाॅग ब्रीडिंग एण्ड मार्केटिंग रूल 2017, केयर एण्ड मेन्टेनेंस आफ एनिमल रूल 2017 तथा पेट शाॅप रूल्स 2018 प्रभावशील है। पेट शाॅप रूल्स 2018 के अनुसार पेट शाॅप का छत्तीसगढ़ राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड में पंजीयन अनिवार्य है।

इस प्रकार के संस्थानों में कई प्रजाति के पशु पक्षी रखे जाते हैं, जिनके उचित रखरखाव व जूनोटिक बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिये इनका पंजीकरण अत्यंत आवश्यक है। पंजीयन का अधिकार जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला पशु क्रूरता निवारण समिति को है। इसके बगैर इस तरह के शाप का संचालन अवैध माना जाएगा।

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