April 24, 2024

रायपुर अधिवेशन में पायलट की किस्मत का फैसला! CM पद के लिए मनाना बड़ी चुनौती

रायपुर। राजस्थान में कांग्रेस की कलह बरकरार है. और बरकरार है गहलोत वर्सेज पायलट की सियासत. मगर खबर है कि राजस्थान की सियासत में उठापटक के बीच कांग्रेस का रायपुर राष्ट्रीय अधिवेशन महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. राजधानी रायपुर में 24 से 26 फरवरी के बीच कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन होना है.उम्मीद जताई जा रही है इस अधिवेशन में सचिन पायलट को लेकर भी फैसला हो सकता है.कांग्रेस का यह अधिवेशन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद अब इस अधिवेशन में कांग्रेस वर्किंग कमेटी और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों की नियुक्त के फैसले भी संभव हैं.

ऐसे में राजस्थान कांग्रेस की सियासत पर इन नियुक्तियों का बड़ा असर पड़ेगा. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह ही राजस्थान में भी इसी साल के अंत में चुनाव होने हैं.तीन राज्यों में चुनाव हैं.कांग्रेस के पास राजस्थान और छत्तीसगढ़ ही वो राज्य हैं, जहां कांग्रेस की सरकार है. ऐसे में चुनावी वर्ष को देखते हुए कांग्रेस की प्रमुख कमेटियों में राजस्थान को अच्छा प्रतिनिधित्व मिल सकता है.वर्तमान में राजस्थान से कांग्रेस की राष्ट्रीय कमेटियों में कई नेता है.

पूर्व सांसद और मंत्री रघुवीर मीणा और पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह सीडब्ल्यूसी के सदस्य हैं. इसके अलावा हरीश चौधरी पंजाब के और रघु शर्मा गुजरात के प्रभारी हैं. वहीं धीरज गुर्जर यूपी के सह-प्रभारी हैं. धीरज गुर्जर को छोड़ बाकी चारों नेता फिलहाल स्टीयरिंग कमेटी में भी हैं.माना जा रहा है आदिवासी चेहरा होने और राहुल गांधी के विश्वासपात्र होने के चलते रघुवीर मीणा रिपीट हो सकते हैं. वहीं भंवर जितेंद्र सिंह राहुल और प्रियंका गांधी के करीबी हैं, ऐसे में वे भी रिपीट कर सकते हैं.

हालांकि इनके अलावा भी राजस्थान से AICC में प्रतिनिधित्व बढ़ सकता है. वहीं राजस्थान से दो नेता हरीश चौधरी और रघु शर्मा जिन्हें दो राज्यों का प्रभारी बनाया हुआ है उन्हें हटाया जा सकता है.गुजरात में मिली हार के बाद रघु शर्मा ने गुजरात के प्रभारी पद से इस्तीफा सौंप दिया था.हरीश चौधरी के प्रभारी रहते हुए वैसे तो कांग्रेस को भी पंजाब गवाना पड़ा था मगर उम्मीद जताई जा रही है हरीश चौधरी को नई जिम्मेदारी मिल सकती है.कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा सवाल और चुनौती सचिन पायलट को माना जा रहा है.अधिवेशन में सबसे बड़ा सवाल सचिन पायलट की भूमिका को लेकर है.

माना जा रहा है कि सीएम के पद को लेकर अब अगर पायलट इनकार करते हैं तो उन्हें राजस्थान सहित केंद्र में महत्वपूर्ण भूमिका मिल सकती है.हालांकि इसे लेकर पायलट को राजी करना कांग्रेस के लिए बड़ा टास्क होगा. वहीं राजस्थान को लेकर भी अधिवेशन में महत्वपूर्ण निर्णय हो सकता हैं.राजस्थान की राजनीति में अगले आने वाले दिनों में एक बार फिर बड़ी उठा-पटक देखने को मिल सकती है. राजस्थान का बजट 10 फरवरी को आने वाला है. ऐसे में कांग्रेस के जानकारों का कहना है कि बजट के बाद राजस्थान कांग्रेस में एक बार फिर उठा-पटक देखने को मिलेगी. इसी तरह बीजेपी में भी अब हलचल होगी. दोनों ही पार्टियों में गुटबाजी और खींचतान है. साथ ही नेतृत्व को लेकर भी दोनों पार्टियों में अब तक हाईकमान की ओर से स्पष्टता नहीं मिल सकी है.

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